Tuesday, January 17, 2012

जसविन्दर सिंह साबी ने संस्था के खिलाफ रची साजिश

19 नवम्बर को एक टीवी चैनल पर दूसरा दशक परियोजना (बारां जिले के भंवरगढ़ गाँव में)में आवासीय कैम्प में पढ़ रही छात्राओं के साथ अश्लीलता करने का मामला प्रसारित हुआ। दूसरा दशक परियोजना के बारे में प्रसारित इस समाचार पर यकायक विश्वास नहीं हुआ लेकिन एक प्रमुख समाचार टीवी चैनल पर खबर प्रसारित होने से विश्वास करना पड़ा। लेकिन मन नहीं मान रहा था कि दूसरा दशक परियोजना जैसी संस्था में ऐसे कृत्य भी हो सकते है, मामला गंभीर था सो हाड़ौती मीडिया रिसोर्स सेंटर के साथियों से चर्चा की एवं मामले की फैक्ट फाइंडिंग करने का तय किया। 21 दिसम्बर को महज एक दिन के कुछ घंटों की फैक्ट फाइंडिंग में ही ऐसे तथ्य उभर कर सामने आए जो टीवी चेनल पर दिखाई गई खबर के बिलकुल विपरीत थे I
19 दिसम्बर को एक टीवी चैनल पर खबर प्रसारित हुई थी कि एक गैर सरकारी संगठन दूसरा दशक परियोजना में पढ़ रही लड़कियों के साथ अश्लीलता की जाती है। खबरिया चैनल के अनुसार दूसरा दशक परियोजना में आयोजित आवासीय कैम्प में पढ़ रही छात्राओं की वहा की अध्यापिकाओं द्वारा नंगी तस्वीरें खिंची जा रही है तथा मोबाईल में अश्लील फिल्म दिखाई जाती है। टीवी पर 4 नवम्बर से 17 नवम्बर तक आवासीय कैम्प में रहकर गई दो लड़कियों व उनकी माताओं के कथनों को प्रसारित किया गया। वो दो लड़कियां व उनकी माताएं दूसरा दशक परियोजना के कार्यकर्ताओं पर अश्लील चित्र दिखाने व नचाने का आरोप लगा रही थी।
20 दिसम्बर को दूसरा दशक परियोजना के 6 कार्यकर्ताओं के खिलाफ भंवरगढ़ थाने में 354, 294 व एससी/एसीटी अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा (3) के तहत मामला दर्ज कर कार्यवाही आरंभ की गई। एससी/एसटी सेल के उपाधीक्षक कल्याणमल बंजारा द्वारा जांच की जा रही है.
एचएमआरसी द्वारा की गई फैक्ट फाइंडिंग के अनुसार संस्था में चल रहे कैम्प में 4 नवम्बर को गणेषपुरा गांव की 2 लड़कियों को जोड़ा गया था। लड़कियां कैम्प में पढ़ाई कर रही थी। 17 नवम्बर को अचानक उन दोनों लड़कियों की माताएं चिल्लाते हुए संस्था में आई और संस्था द्वारा बंधुआ मजदूरों को मुक्त करवाकर उन्हें बेरोजगार करवा देने का उलाहना देते हुए अपनी बेटियों को ले जाने लगी। संस्था के निदेशक मोतीलाल ने बताया कि उन्होंने लड़कियों की माताओं को खूब समझाया लेकिन वो नहीं मानी और अपनी बेटियों को लेकर चली गई। उस दिन दूसरा दशक परियोजना की बीआरपीएम की बैठक के लिए संस्था के सभी फिल्ड कार्यकर्ता भी आए हुए थे। बैठक में आए कार्यकर्ताओं में से करीबन आधा दर्जन कार्यकर्ताओं ने इस बात की पुष्टि की है। वर्तमान में संस्था में आवासीय कैम्प में पढ़ रही छात्राओं के अनुसार इस दौरान कैम्प में अश्लीलता नहीं की जाती है.
17 नवम्बर को हुई इस घटना के बाद 17 दिसम्बर को एक काले रंग की गाड़ी केलवाड़ा क्षेत्र के कुछ गांवों में घूमती रही। इस गाड़ी में सवार दो औहदेदार युवक कालीमाटी गांव में गए। कालीमाटी की 4 सहरिया महिलाओं सहित 5-7 स्कूली छात्रों के अनुसार काले रंग की गाड़ी में आए एक युवक ने उन्हें कहा कि भंवरगढ़ में संचालित दूसरा दशक परियोजना में पढ़ रही गांव की लड़कियों के कपड़े खोलकर उन्हें नचाया जा रहा है तथा उनकी तस्वीरें खींच कर विदेश में भेजी जा रही है. उस युवक ने कहा कि अगर गांव की जो लडकियां  दूसरा दशक परियोजना में पढ़ रही है उन्हें गांव ले आओगे तथा जो मैं कहूंगा वैसा कहलवा दोगे तो   उन्हें सरकार से डेढ़ लाख रुपए दिलवाउंगा। कालीमाटी की महिलाओं व स्कूली बच्चों ने बताया कि वे दो सरदार थे तथा उनके साथ एक आदमी था जो माधोपुरा का रहने वाला है। जिसका नाम विरमा सहरिया है.
संस्था के खिलाफ भड़काने वाले सरदार की बातों पर विष्वास कर कालीमाटी गांव की दो महिलाएं भंवरगढ़ स्थित संस्था में पढ़ रही अपनी लड़कियों को लेने के लिए भी गई। उनकी लड़कियों ने किसी प्रकार की अश्लीलता नहीं होने की बात कही। वो दोनों महिलाएं रात भर संस्था में ही रूकी। उन्होंने बताया कि गांव में आकर संस्था के खिलाफ बातें बताने वाले सरदारों की बातें झूठी थी।
विजिटर बनकर गया साबी और की संस्था की विडियां  रिकार्डिंग
एचएमआरसी रिपोर्ट के अनुसार 19दिसम्बर को गणेशपुरा का जसविन्दर सिंह साबी भंवरगढ़ के तेजाजी के डांडा स्थित दूसरा दषक परियोजना के कार्यालय में विजिटर बनकर गया और संस्था के कार्यकर्ता विश्वजीत सरकार से संस्था व संस्था के कार्यों की जानकारी ली। जानकारी लेते हुए वह संस्था के कार्यों की प्रशंशा करता रहा और संस्था भवन के हॉल व कमरों की विडि़योंग्राफी भी की। 19 दिसम्बर शाम को ईटीवी राजस्थान न्यूज चैनल पर दूसरा दशक परियोजना के कार्यकर्ताओं द्वारा सहरिया लड़कियों के साथ अश्लीलता की खबर प्रसारित हुई। ईटीवी राजस्थान न्यूज चैनल पर दिखाए गए विडियो फूटेज में संस्था के भवन को भी दिखाया। उन फुटेज में विश्वजीत सरकार भी नजर आया। वो फुटेज वहीं थी जो जसविन्दर सिंह साबी ने संस्था के विजिट के दौरान ली थी।
सहरिया महिलाओं ने टीवी पत्रकार को बताई असलियत, लेकिन टीवी पत्रकार ने दबा दिया मामला
20 दिसम्बर को भंवरगढ़ पुलिस ने संस्था के निदेशक मोतीलाल सहित 5 कार्यकर्ताओं के खिलाफ 354, 294 व एससी/एसीटी अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा (3) के तहत मामला दर्ज कर कार्यवाही आरंभ की। इससे पूर्व एसपी व कलक्टर ने भी भंवरगढ़ पहुंच कर मामले की जानकारी ली। रिपोर्ट के अनुसार 20 दिसम्बर को टीवी पत्रकार (जिस टीवी चैनल पर पूर्व में खबर प्रसारित हुई थी का संवाददाता) भी वहां पहुंचा था, उसने संस्था के लोगों के साथ कालीमाटी गांव की उन महिलाओं की बाइट भी ली थी। उन महिलाओं ने साफ-साफ बताया था कि एक युवक गांव में आया था और संस्था में लड़कियों के साथ  अश्लीलता होने की झूठी जानकारी दी थी। उन्होंने टीवी पत्रकार को बताया कि उस युवक ने लड़कियों को संस्था से ले आने व उनसे उसकी मुताबिक कहलवाने पर सरकार से डेढ़ लाख दिलवाने का प्रलोभन भी दिया था। महिलाओं की बाइट लेने के बावजूद उनका प्रसारण नहीं किया गया अगर प्रसारण किया जाता तो वास्तविकता उसी दिन जनता के सामने आ गई होती। एचएमआरसी द्वारा मीडिया में जारी फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में बताया गया कि दूसरा दशक परियोजना द्वारा शिक्षा के साथ-साथ आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए कार्य किए गए है। क्षेत्र की समस्याओं के संदर्भ में हर स्तर पर पैरवी का काम किया है, फिर चाहे मुख्यमंत्री से मिलना पड़ा हो या राहूल गांधी से। ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार को समाप्त करने व महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के क्रियान्वयन पर नजर के साथ गांवों के हर वर्ग के वंचित व्यक्ति को सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओ का लाभ दिलवाने के पूरा प्रयत्न किया है। पिछले वर्ष बंधुआ मजदूरों को जमींदारों से यहां से छुडवाने के लिए प्रयास किए और करीबन 146 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया। दूसरा दषक परियोजना एक दषक से अधिक समय से भंवरगढ़ के तेजाजी के डांडे पर संचालित है। दूसरा दशक परियोजना के निदेशक ने बताया कि संस्था में शिक्षा से वंचित बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ने के लिए आवासीय कैम्प आयोजित किए जाते है। क्षेत्र की शिक्षा से वंचित बालिकाओं को शिक्षा के प्रति प्रेरित कर उन्हें कैम्प में शामिल किया जाता है। चार माह के इन आवासीय कैम्पों में बालिकाओं को अध्यापिकाओं द्वारा शिक्षा दी जाती है। दूसरा दषक परियोजना (भंवरगढ़) में प्रति वर्ष 3-4 आवासीय कैम्प आयोजित किए जाते है, जिनमें से एक कैम्प के लिए सरकार से पैसा आता है। इसके अलावा संस्था ने कभी सरकार से कोई फण्ड नहीं लिया। अब तक सैकड़ों लड़कियां इनके आवासीय कैम्पों में शिक्षित हुई है। संस्था द्वारा वन भूमि अधिकार अधिनियम के तहत पट्टे दिलवाने, दबंगों के कब्जे से सहरियाओं की जमीनें छुडवाने जैसे कार्य करवाए, महानरेगा में 100 की बजाए 200 दिन का रोजगार मुहैया करवाने के लिए सरकार से मांग की तथा लगातार पैरवी की , महानरेगा में मजदूरी की दर बढ़ाने तथा भ्रष्टाचार की खिलाफत करते हुए बंधुआ मजदूरी कर रहे लोगों को मुक्त कराने जैसे कई कार्य किए गए, संस्था के कार्यों से एक वर्ग विशेष काफी नाराज है, संस्था के कार्यकर्ताओं को कई बार धमकियां भी दी गई।
आवासीय केम्प में पढ़ रही अन्य छात्राओं ने आरोपों को गलत बताया
एचएमआरसी के लोगों ने संस्था में अश्लीलता   करने के बारे में पूर्व में आयोजित आवासीय कैम्पों मे पढ़ चुकी लड़कियों व वर्तमान में कैम्प में पढ़ रही लड़कियों से सम्पर्क किया। लड़कियों ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बताया कि संस्था में ऐसी कोई हरकत नहीं होती है। करीबन 8 गांवों की उन लड़कियों से सम्पर्क साधा गया जो पूर्व में इस संस्था के आवासीय कैम्पों में रही है। उनमें में से एक ने भी संस्था में अश्लीलता   के बारे में नहीं बताया और ना ही अन्य किसी प्रकार की शिकायत की। वर्तमान में दूसरा दशक परियोजना के आवासीय कैम्प में 47 लड़कियां अध्ययनरत है। उन लड़कियों में से एक भी लड़की संस्था के कार्यकर्ताओं द्वारा अष्लील फिल्म दिखाने व नंगा करके नचाने या अष्लील हरकतें करने के आरोपों को सही नहीं ठहराती है। वो कहती है कि संस्था में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता, संस्कार सिखाए जाते है। अश्लीलता   का आरोप लगा रही छात्राओं के परिजनों द्वारा 4 नवम्बर को लड़कियों को आवासीय कैम्प में भेजना और 17 नवम्बर को अचानक आकर संस्था से लड़कियों को वापस ले जाना और फिर 19 दिसम्बर को संस्था के कार्यकर्ताओं पर अश्लीलता   का आरोप लगाना तथा टीवी पत्रकार द्वारा हकीकत को दबाना. . . काफी उलझी हुई कहानी है, जिसका पर्दाफाशशीघ्र होना अत्यन्त आवश्यक है। बहरहाल पुलिस जांच कर रही है वहीं दूसरा दशक परियोजना में संस्था को चाहने वाले सहरिया समुदाय के लोगों का तांता लगा हुआ है।
निदेशक मोतीलाल का कहना है कि ‘‘हमारे खिलाफ साजिश रची गई है, जो पूरी तरह से जनता के सामने आ चुकी है। जसविन्दर सिंह साबी ने संस्था को बदनाम करने के लिए साजिश रची है लेकिन पुलिस जांच में सच्चाई सामने आ जाएगी।’’
आखिर जसविन्दर सिंह साबी ने संस्था के खिलाफ क्यों साजिश रची
जसविन्दर सिंह साबी
यह तो साफ हो चुका है कि कालीमाटी गए दो सरदार युवकों में जसविन्दर सिंह साबी था। सबसे बड़ा सवाल उठता है कि जसविन्दर सिंह साबी ने ऐसा क्यों किया ? क्यों कालीमाटी गांव की महिलाओं को उकसाया ? क्यों दूसरा दशक परियोजना कार्यालय में जाकर विडियोग्राफी ? उल्लेखनीय है कि गत वर्ष दूसरा दशक परियोजना, जाग्रत महिला संगठन व संकल्प संस्था के कार्यकर्ताओं ने क्षेत्र में व्याप्त बंधुआ मजदूरी को समाप्त करने के लिए मुहिम छेड़ी थी। संस्था द्वारा पीडि़त बंधुआ मजदूरों की मदद की गई। उन्हें बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराने के लिए राज्य सरकार तक अपील की। बंधुआ मजदूरी का मुद्दा उठाए जाने के बाद राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के संयुक्त सचिव के.राजू एवं परिषद की अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी के निजी सचिव धीरज श्रीवास्तव ने क्षेत्र का दौरा कर मुख्यमंत्री से चर्चा की थी। परिणाम स्वरूप राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने क्षेत्र का दौरा किया और बंधुआ मजदूरों को आजाद करवाने व उनके पुर्नवास की घोषणा भी की। जसविन्दर सिंह साबी के परिवार व रिश्तेदारों के यहां भी सहरिया समुदाय के लोगों से बंधुआ मजदूरी करवाई जा रही थी। संस्था के प्रयासों से उनके यहां काम कर रहे बंधुआ मजदूर न सिर्फ मुक्त हुए बल्कि बंधुआ मजदूरी करवाने वालों के खिलाफ मामले भी दर्ज हुए। जिनकी कार्यवाही अभी भी चल रही है। कईयों के खिलाफ फैसले आए है। इन्हीं कारणों के चलते संस्था के खिलाफ दुष्प्रचार कर व लोगों को बरगलाकर संस्था के कार्यकर्ताओं को फसाया जा रहा है। जिन दो बालिकाओं व उनके परिजनों ने संस्था के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाए है, वो गणेशपुरा की रहने वाली है। जसविन्दर सिंह साबी भी गणेशपुरा का ही रहने वाला है। अंदेशा है कि  है कि कालीमाटी गांव में लोगों को संस्था के खिलाफ भड़काने वाले जसविन्दर सिंह साबी ने गणेशपुरा के लोगो को भी भड़काया हो।
अंत में प्रसिद्ध कवि राजेश जोशी की कविता -
सबसे बड़ा अपराध है
आज के समय में निरपराध होना
जो अपराधी नहीं है वो मारे जाएंगे ।…….  

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