Sunday, January 22, 2012

3 छात्राओं की मौत के पीछे आखिर राज क्या है ?

महिने बीते, पुलिस अभी तक नहीं सुलझा सकी गुत्थी
लखन सालवी
14 नवम्बर को राजस्थान के बारां शहर में 3 स्कूली छात्राओं की जहर खाने से मौत हो गई। अभी तक इस मामलें में पुलिस ने 3 बार जांच दल बदले है, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। मृतकाओं में से एक के पास मिले सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मान रही है। आत्महत्या क्यूं की ? इस सवाल के जवाब में अध्यापकों द्वारा पढ़ाई के लिए दबाव के अलावा कोई जवाब पुलिस नहीं दे पा रही है। जबकि मरने वाली 2 छात्राओं ने बोर्ड परीक्षा में 82 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। हो सकता है कि 11वीं कक्षा में बायोलोजी विषय उनके लिए मुश्किल रहा हो लेकिन पढ़ाई या अध्यापकों की प्रताड़नाओं से दुःखी होकर तीनों ही आत्महत्या कर ले यह बात कहानी सुनने वाले किसी के भी गले नहीं उतर रही है।
गार्गी दूबे (17), ईशा कलवार (16), अक्षिता सोनी (16) व प्राची अग्रवाल (16) बचपन की साथी रही है। इनके बीच दोस्ताना लगभग एक दशक से था। चारों केंन्द्रीय विद्यालय में कक्षा 11 (बायोलोजी) में पढ़ती थी। 14 नवम्बर को गार्गी,  ईशा व अक्षिता की जहर के सेवन से तबीयत बिगड़ने के बाद ईलाज के दौरान मृत्यु हो गई। 15 नवम्बर को तीनों छात्राओं का पोस्टमार्टम किया गया और मृतका अक्षिता के पिता बसंत सोनी की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। बसंत सोनी ने केन्द्रीय विद्यालय के दो अध्यापको पर अक्षिता को प्रताडि़त करने का आरोप लगाया।
जानकारी के अनुसार चारों छात्राएं रोजाना ट्यूशन जाती थी। 4 से 5 बजे केमिस्ट्री के लिए आर.के. अवस्थी, 5 से 6 बजे तक सूर्यप्रकाश  श्रीवास्तव, 6.30 से 7.30 तक युग शक्ति कोचिंग सेंटर के उमेश  सोनी के यहां ट्यूशन जाती थी। घटना वाले दिन चारों छात्राए स्कूल नहीं गई थी।

परिजनों के बयान
ईशा कलवार के पिता बालमुकुन्द कलवार ने बताया कि दोपहर 3.30 बजे ईशा से ट्यूशन के लिए गई थी। उससे पूर्व उसने घर पर खाना भी बनाया था। ट्यूशन के लिए घर से जाते वक्त वह अपने छोटे भाई को भी साथ ले जाना चाहती थी। असल में उसका छोटा भाई का ट्यूशन सेन्टर रास्ते में ही पड़ता है। छोटे भाई के साथ जाने से मना कर देने पर अपनी स्कूटी से ट्यूशन के लिए निकल गई। उन्होंने बताया कि सायं 7.30 बजे के करीब उन्हें किसी ने फोन कर बताया कि  ईशा  की तबीयत खराब है और वह राधाकृष्ण चिकित्सालय में भर्ती है। वह चिकित्सालय में पहुंचे, उनकी  ईशा  से बात नहीं हो सकी क्योंकि वह गंभीर हालत में थी तथा थोड़ी ही देर बाद उसकी मौत हो गई। कलवार ने बताया कि केन्द्रीय विद्यालय में मानसिक तौर पर प्रताडि़त किए जाने के बारे में  ईशा  ने उन्हें बताया था। कलवार के अुनसार केंद्रीय विद्यालय में छोटी-छोटी बातों पर सबके सामने प्रताडि़त किया जा रहा था।
गार्गी के पिता जगदीश  दूबे ने बताया कि गार्गी लगभग 3.45 बजे अपनी स्कूटी से ट्यूशन के लिए घर से गई थी। उन्हें 8 बजे गार्गी के अस्पताल में भर्ती होने की सूचना मिली थी। उन्होंने बताया कि गार्गी पढाई में होशियार थी तथा वह आत्महत्या नहीं कर सकती है। उधर अक्षिता के पिता बसंत सोनी का कहना है कि अक्षिता पढ़ाई में कमजोर नहीं थी। 10वीं बोर्ड में 82 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। बसंत सोनी ने केन्द्रीय के विद्यालय के अध्यापको पर छात्राओं पर दबाव बनाने के आरोप लगाए है।
14 नवम्बर सोमवार को गार्गी,  ईशा, अक्षिता व प्राची बावजीनगर में आर.के. अवस्थी के वहां ट्यूशन गई थी। उसके बाद वहां से सूर्यप्रकाश श्रीवास्तव के यहां ट्यूशन गई। यह दोनों ट्यूशन बावजीनगर में ही है। उसके बाद चारों युग शक्ति कोचिंग सेन्टर के लिए रवाना हुई, जो कि कोटा रोड़ पर स्थित है। वहां ट्यूशन समय 6.30 से 7.30 बजे तक का था। बायोलोजी की ट्यूशन के बाद युग शक्ति कोचिंग पर ट्यूशन के बीच उन्हें 30 मिनिट का समय मिलता था। बायोलोजी की ट्यूशन के बाद वह कोटा रोड़ स्थित युग शक्ति कोचिंग सेन्टर पर ट्यूशन के लिए जा रही थी। बावजीनगर में गार्गी का घर है। अकसर बायोलोजी की ट्यूशन से निकलने के बाद चारों गार्गी के घर होते हुए जाती थी। उस रोज गार्गी,  ईशा व अक्षिता घर से कुछ दूर रूकी जहां से प्राची गार्गी के घर पानी लेने गई। प्रार्ची पानी लेकर आई और सभी ने पानी पिया। अधिक पानी पीने पर प्रार्ची ने गार्गी,  ईशा व अक्षिता टोका भी था।
यहां से गार्गी की स्कूटी पर प्रार्ची व  ईशा की स्कूटी पर अक्षिता सवार होकर रवाना हुई। गार्गी स्कूली को तेज गति से चलाकर आगे निकल गई।  ईशा व अक्षिता पीछे रह गई जो रेल्वे स्टेशन के पास स्थित रेल्वे कालोनी में उल्टियां करने लगी।  ईशा की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी, अक्षिता ने अंकित नाम के सहपाठी को काॅल किया। कुछ देर बाद अंकित वहां पहूंचा और उन्हें नजदीकी राधाकृष्ण मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया। यहां ईलाज के रुपए भी अंकित ने ही दिए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार अस्पताल में कई स्कूली छात्र इक्कट्ठे हुए थे।
दूसरी तरफ गार्गी तेज गति से स्कूटी चलाकर आगे निकल कर चैथे माता के मंदीर गई, वहां से दर्शन कर लौटते समय उसकी तबीयत बिगड़ गई और वह रास्ते में उल्टियां करने लगी। उसके साथ प्रार्ची थी। गार्गी की तबीयत बिगड़ती देख प्रार्ची घबरा गई और उसने अपने भाई को काॅल किया। उसका भाई वहां पहुंचा और गार्गी के घर वालों को काॅल कर सूचना दी।
मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार छात्राओं ने मृत्यु से 3 घंटे पूर्व सेल्फोस जहर खाया। तीनो की मौत सायं 9 बजे से 10 बजे के बीच हुई। संभवतः छात्राओं ने बायो की ट्यूशन के बाद वहां से युग शक्ति कोचिंग सेन्टर में जाते समय 6.30 से 7.00 बजे के बीच जहर खाया होगा।
इस पूरे मामले पर प्रार्ची से बात नहीं हो पाई है, वहीं प्राची के घर वालों ने भी महज इतना ही बताया कि प्रार्ची पिछले 7-8 दिनों से बिमार थी इसलिए स्कूल नहीं जा रही थी। गार्गी के पिता अनिल अग्रवाल ने बताया कि गार्गी की तबीयत खराब है तथा उसका ईलाज करवाया जा रहा है। वह इस घटना से बहुत डरी हुई है। जबकि 22 नवम्बर को अग्रवाल म्यूजिक शाॅप पर अनिल अग्रवाल अपने एक रिष्तेदार को यह बता रहे थे कि पुलिस गार्गी को परेशान ना करे इसलिए उसे बूंदी में रिष्तेदारों के यहां रखा है। उसकी तबीयत ठीक है।
केन्द्रीय विद्यालय के अध्यापक सूर्यप्रकाष श्रीवास्तव व आर.के. अवस्थी विद्यालय में पढ़ाने के साथ किराए के कमरे में ट्यूषन भी पढ़ाते थे। छात्राओं के परिजनों ने पुलिस को बताया कि दोनों अध्यापक उनकी लड़कियों को मानसिक प्रताड़नाएं देते थे। दिपावली अवकाष के दौरान प्रोजेक्ट बनाने के लिए छात्रों को 100 बल्ब की सीरीज लाने को कहा था, लड़कियों को 70 बल्ब की सीरीज ही मिल पाई तो अध्यापक ने इसे लेने से मना करते हुए फटकार लगाई, तब लड़कियों ने घर वालों को बताया आखिर 100 बल्ब की सीरीज लाकर देनी पड़ी। 14 नवम्बर को पुलिस ने दोनों अध्यापकों व युग शक्ति कोचिंग के संचालक उमेष सोनी को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की थी। (उमेष सोनी, रितेष जैन और प्राची ने क्या बताया ?)
18 नवम्बर को विभाग के डिप्टी कमीषनर (जयपुर) ने केंद्रीय विद्यालय में पहूंचकर अध्यापको के खिलाफ मिली षिकायतों की जांच कर उनका तबादला कर दिया। आर.के. अवस्थी का पोकरण व सूर्यप्रकाष श्रीवास्तव का तबादला सूरतगढ़ कर दिया।  
पुलिस को अक्षिता के पास एक सुसाइड नोट मिला था, जिस पर तीनों छात्राओं ने अपनी इच्छा से मरने की जानकारी देते हुए किसी को भी परेषान नहीं करने की बात लिखी थी। तीनों के हस्ताक्षर पर सुसाइड नोट पर पाए गए। सुसाइड नोट में सभी ने एक ही बात लिखी। नोट पर तीनों के हस्ताक्षर पाए गए। 
दूसरी ओर छात्राओं के परिजनों का कहना है कि उनकी बेटियां लेखन कार्य इंगलिष में करती थी। जबकि सुसाइड़ नोट हिन्दी में लिखा हुआ है जो कि गले नहीं उतर रहा। 15 नवम्बर को परिजनों ने सुसाइड नोट की फोरेसिंक जांच की मांग की थी। सुसाइड नोट पर पाए गए हस्ताक्षरों व हेण्डराइटिंग की फोरेसिंक जांच करवाई गई या नहीं इसकी सूचना भी पुलिस से उजागर नहीं की है।
14 से 17 नवम्बर तक 3 उपाधीक्षक व 3 थानाप्रभारी की अलग-अलग टीमों के साथ तफ्तीष कर रहे थे। तब तक पुलिस को छात्राओं की मौतों के संदर्भ में पढ़ाई के दबाव के अलावा कुछ भी हाथ नहीं लगा। पुलिस ने कंेद्रीय विद्यालय के अध्यापकों, मृतकों की सहेलियों, सहपाठियों व उनके परिजनो से जानकारी लेकर तथ्य जुटाए थे। मृतकाओं के मोबाइल की काॅल डिटेल भी निकाली गई। 21 नवम्बर को अनुसंधान अधिकारी उपाधीक्षक खेमराज खोलिया के सुपरविजन में दो नए सब इंसपेक्टर समेत 4 सदस्यीय टीम का पुनर्गठन किया गया। 23 नवम्बर को पुलिस महानिरीक्षक आर.पी. सिंह ने फिर जांच अधिकारी बदले। कुल मिलाकर पुलिस अधिकारी बदलने के अलावा कुछ नहीं कर रही है।
18 नवम्बर को सांसद दुष्यंत सिंह मृतकाओं के परिजनों से मिले और मामले के बारे मंे पुलिस प्रषासन से जानकारी ली। उन्होंने इस मामले को संसद में उठाने की बात कही। 19 नवम्बर को पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया ने मृतकाओं के परिजनों से मिले और निष्पक्ष कार्यवाही करवाने का आष्वासन दिया।
ईषा कलवार के परिजनों ने मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष व कांगे्रस प्रदेषाध्यक्ष को ज्ञापन प्रेषित कर मामले की जांच करवाने की मांग की। कलवार ने अध्यापकों पर छात्राओं को प्रताडि़त करने के आरोप लगाए।पुलिस जहां छात्राओं की मौतों को आत्महत्या मान रही है वहीं शहर की जनता इन मौतों के पीछे बड़े घरानों के रईस बेटों का हाथ मान रही है। हर जगह 4 लड़कों की बात सामने आ रही है। पुलिस वाले भी दबी आवाज में बता रहे है कि बड़े लोगों की वजह से आखिर कौन है वो चार लड़के ? ना तो पुलिस इस बारे में कुछ बता रही है ना ही मीडिया के भी कोई खास सबूत हाथ लग पाए है। बहरहाल शहर की जनता का मानना है कि तीनों छात्राओं की मौतों के पीछे गहरा राज है। वहीं मृतक छात्राओं के परिजन लगातार मामले के खुलासे की मांग कर रहे है। फिलहाल जांच पूरी हो चूकी है। पुलिस ने जांच पूरी कर इस मामले को आत्महत्या का मामला बताया है। जो लोगों के गले नहीं उतर रहा है।

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