Friday, January 6, 2012

250 रुपए दो एनओसी लो, 900 रुपए दो नल कनेक्शन लो

ग्राम पंचायत व जलदाय विभाग के कर्मचारियों की लूटखसोट

लखन सालवी
सरकार बीपीएल परिवारों का जीवन स्तर उपर उठाने के लिए कई प्रकार योजनाएं संचालित कर रही है। अनुसूचित क्षेत्रों में जल सप्लाई करने के प्रयास किए जा रहे है। वहीं गांव के विकास की धूरी कही जाने वाली ग्राम पंचायत द्वारा बीपीएल परिवारों को भी नहीं बख्सा जा रहा है।
भीलवाड़ा जिले की कोशीथल ग्राम पंचायत द्वारा नल कनेक्शन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने के बदले 250 रुपए की राशि वसूली जा रही है। सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत ली गई सूचनाओं से यह खुलासा हुआ है। कोशीथल के नारायण लाल तेली ने 21 सितम्बर 2011 को सूचना के अधिकार के तहत आवेदन करते हुए ग्राम पंचायत से जारी किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्रों के संबंध में सूचनाएं मांगी। ग्राम पंचायत से मिली सूचना के अनुसार ग्राम पंचायत द्वारा हर वर्ग के व्यक्तियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने की एवज में 250 रुपए की राशि वसूली गई है।
उल्लेखनीय है नल कनेक्शन करवाने के लिए ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होता है। अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना जलदाय विभाग द्वारा आवेदक को नल कनेक्शन नहीं दिया जा सकता है। नियमानुसार ग्राम पंचायत 20 रुपए की शुल्क अदायगी पर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर सकती है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ग्राम सचिव सम्पत बोहरा अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए 250 रुपए की वसूली करता है। यह राशि नहीं देने पर अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया जाता है। जबकि जलदाय विभाग द्वारा 301 रुपए की फीस पर नल कनेक्शन मुहैया करवाया जाता है।
आवेदक अमीर हो या गरीब प्रत्येक से 250 रुपए वसूले जा रहे है। जनवरी 2007 से अगस्त 2011 तक अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के बदले ग्राम पंचायत ने कोशीथल के 46 लोगों से 11500 रुपए वसूल किए है। इनमें से 16 लोग अनुसूचित जाति के है तथा 7 बीपीएल परिवार के है। 7 बीपीएल में से भी 3 बीपीएल परिवार दलित है। बीपीएल परिवार के देवीलाल रेगर, जयचंद रेगर, कस्तुर सालवी, हजारी रेगर, भंवर माली सहित कईयों से 250 रुपए लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया।
नारायण तेली ने सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना में यह भी जानना चाहा कि अनापत्ति प्रमाण पत्र के बदले 250 रुपए की राशि किस नियम व कानून के तहत वसूली गई ? जवाब में ग्राम सचिव ने ग्राम पंचायत के अपने अधिकार क्षेत्र के तहत यह राशि वसूलना बताया है।
गरीब व्यक्ति जैसे तैसे कर 250 रुपए ग्राम पंचायत में जमा करवाकर अनापत्ति प्रमाण पत्र ले लेता है। नल कनेक्शन के लिए जलदाय विभाग के अधिकारी फाइल के साथ नक्से की मांग करते है, नक्सा विभाग का स्थानीय कर्मचारी द्वारा बनाया जाता है। कोशीथल में कर्मचारी नारू लाल भील नक्सा बनाकर देता है। नक्सा बनाने की किमत 50 रुपए है। उसके बाद फाइल संविदाकर्मी उदयलाल के पास जाती है। संविदाकर्मी द्वारा प्रत्येक आवेदक से 850-900 रुपए लिए जाते है। तब ही फाइल आगे बढ़ती है और कनेक्शन हो पाता है।
भंवर माली, जगदीश माली, नारायण लाल तेली, महावीर टेलर, हेमराज सोनी दर्जनों लोगों ने जलदाय विभाग के कर्मचारी नारू भील व उदय लाल को रुपए देकर कनेक्षन करवाए है। जिसने इस सिस्टम का विरोध किया वो कनेक्शन के लिए तरस रहा है। हिरालाल जीनगर ने नल कनेक्शन के लिए कई पापड़ बेले, उसने ग्राम पंचायत में एनओसी के बदले 250 रुपए भी नहीं दिए। जलदाय विभाग के कर्मचारियों को बिना पैसे खिलाए नल कनेक्षन करवाने में सफल रहा। इसके लिए उसने जयपुर स्थित जलदाय विभाग की हेल्पलाइन पर खूब शिकायतें दर्ज करवाई, तब कहीं जाकर कनेक्शन हो पाया। विकलांक असमल मोहम्मद छीपा नल कनेक्शन के लिए 2 माह से जलदाय विभाग के दफ्तर के चक्कर लगा रहा है। अभी तक कनेक्शन नहीं किया गया है।

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