Monday, July 4, 2016

राजनीतिक का अखाड़ा बना प्रताप का जन्म दिवस

महाराणा प्रताप जयंती पर गोगुन्दा को मिली कई सौगातें
भाजपा के राजनाथ सिंह, वसुंधरा राजे व कांग्रेस के सचिन पायलेट व अमरिन्दर सिंह भी पहुंचे गोगुन्दा

07 जून को राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र के गोगुन्दा गांव में महाराणा प्रताप की 476वीं जन्म जयंती को भव्य रूप से मनाया गया। ऐसा पहली बार हुआ कि क्षेत्र की 20 हजार से भी अधिक जनता ने जयंती समारोह में भाग लेकर महाराणा प्रताप को नमन किया। न केवल क्षेत्र की जनता ने अपितू राजनीतिक दलों ने भी हर्षोल्लास के साथ जयंती मनाई। राजनीतिक दलों द्वारा आयोजित जयंती समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, अमेरिन्द्र सिंह राजा, विधायक अशोक चान्दणा तथा केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया, जनजाति मंत्री नन्द लाल मीणा व जिले के प्रभारी मंत्री राजकुमार रिणवा सहित कई दिग्गज नेताओं के भाग लिया। क्षेत्र की जनता के साथ राजनीतिक दलों के दिग्गजों की उपस्थिति से गोगुन्दा का गौरव और बढ़ गया। वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महाराणा प्रताप राजनीति के कारण नहीं वरन वीरता, राष्ट्रप्रेम, स्वाभिमान व बलिदान के कारण जाने जाते है। उन्होंने राष्ट्ररक्षा के लिए हर वर्ग को साथ लेकर संघर्ष किए। उनका मानना है कि राजनीतिक पार्टियां प्रताप की जयंती को राजनीति का अखाड़ा बनाकर राजनीति करना चाह रही है। 

प्रताप जयंती के अवसर पर भाजपा व कांग्रेस ने जमकर अपना दमखम दिखाया। जहां भाजपा ने गोगुन्दा मण्डल के बैनर तले रामदेव चौगान में तकरीबन 12,000 लोगों के साथ बड़ी सभा का आयोजन किया वहीं महाराणा प्रताप राज तिलक सेवा समिति के बैनर तले कांग्रेस ने करीब 5000 लोगों को राज तिलक स्थल पर एकत्र कर अपना वजूद दिखाया। दिन भर हर आम व खास स्थान पर चर्चा प्रताप जयंती की बजाए यह होती रही कि किस सभा में कितनी संख्या थी। दोनों की दलों ने बसें, जीपें लगाकर गांव-गांव से लोग जुटाए। उनके लिए पानी के पाउच व भेाजन के पैकेट की व्यवस्था की तब जाकर प्रताप जयंती मनाई जा सकी। चर्चा यह भी रही कि लोग जुटाने में किसका पलड़ा भारी रहा। भाजपा में जहां विधायक प्रताप गमेती अव्वल रहे वहीं कांग्रेस में पूर्व मंत्री मांगी लाल गरासिया की तूती बोलती दिखाई दी। 

प्रताप जयंती को राजनीतिक अखाड़ा बनाने के बावजूद भाजपा द्वारा आयोजित समारोह में कंेद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया व जनजाति मंत्री नन्द लाल मीणा का आना और क्षेत्र के विकास के लिए करोड़ों रूपए की योजनाओं की घोषणा करना महत्वपूर्ण रहा। अनमने मन से ही सही बसों व जीपों में सवार होकर आए आमजन को तपती हुई दोहपरी में पाण्डालों में गर्मी सहन करने की एवज में सामूहिक लाभ मिला। समारोह में अपने सम्बोधन में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह व वसुंधरा राजे ने क्षेत्र के विकास के लिए करोड़ों की लागत की योजनाओं की घोषणा की, जिनकी उम्मीद आमजन को नहीं थी। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने तो मेवाड़ में इंडिया रिर्जव बटालियन खोलने की घोषणा कर क्षेत्र के युवाओं को सौगात ही दे दी। 

सभा के दौरान विधायक प्रताप गमेती की क्षेत्रीय विकास की मांगों को स्वीकारते हुए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मेवाड़ काॅप्लेक्ष योजना के तहत 1.63 करोड़ रूपए, महाराणा प्रताप की समाधि स्थल के विकास के लिए 65 लाख और गोगुन्दा-मजावद-उबेश्वर रोड़ के लिए 10 करोड़, पेयजल योजना के लिए करदा में 3.5 करोड़ व पदाराड़ा में 4 करोड़ व देवास जल योजना से झाड़ोल तक पानी पहुंचाने के लिए 1.5 करोड़ की घोषणा की। मानसी वाकल डेम से गोगुन्दा को जल सप्लाई के लिए 11 करोड़ की योजना को स्वीकृति दी। 

गोगुन्दा क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों को लेकर विधायक प्रताप गमेती ने गोगुन्दा को टूरिस्ट सर्किट बनाने की मांग भी की। इस पर राजे ने कहा कि इसके लिए बजट की कोई समस्या नहीं है लेकिन समस्या तब है जब उन स्थानों पर रखरखाव नहीं हो। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय मेवाड़ काॅम्पलेक्ष योजना के तहत राज तिलक स्थल का विकास करवाया गया। कांग्रेस शासन में उसकी अनदेखी की गई, वे उसकी मरम्मत तक नहीं करवा पाए, नतीजा सबके सामने है। उन्होंने कहा कि ऐसे स्थानों के विकास के लिए बजट की कोई कमी नहीं है लेकिन किसी व्यक्ति संस्था या एजेन्सी को रखरखाव की जिम्मेदारी लेनी होगी। 

हमें अनेक भामाशाहों की जरूरत है - राजे
वसुंधरा राजे ने भामाशाह का उदाहरण देते हुए कहा कि राष्ट्र को बचाने के लिए महाराणा प्रताप का साथ भामाशाह जैसे लोगों ने दिया। वे न केवल वित्तिय सहायता प्रदान करते थे बल्कि पूंजीपतियों को प्रेरित कर वित्त एकत्र कर प्रबंधन करते थे। अगर भामाशाह न होते तो शस्त्रों, अश्वों, सैनिकों के लिए वित्त का प्रबंधन भी प्रताप को करना पड़ता, जो इतना आसान नहीं था। आज राजस्थान को सम्पन्न और प्रगतिशील बनाने के लिए हमें एक नहीं बल्कि कई भामाशाहों की जरूरत है। सबके साथ से प्रदेश आगे बढ़ेगा। 

30 जून तक पूरे हो जाए जल स्वावलंबन के कार्य - राजे
राजे ने अपनी महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना पर बल देते हुए कहा कि भामाशाहों व आमजन के सहयोग से प्रदेश में जल संरक्षण के कई कार्य हुए है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण में आमजन को सहयोग करना होगा। उदयपुर जिले में भी कई कार्य हो रहे है। जिला कलक्टर की ओर देखते हुए राजे ने कहा कि 30 जून तक सभी कार्य पूरे हो जाए ताकि बारिस के पानी का उपयोग हो सके। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि भगवान इस बारे अच्छी बारिस करेंगे। 

राजनाथ सिंह ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप की शोर्य, बलिदान और संघर्ष की गाथाएं स्कूलों की किताबों में पढ़ने का मिलती थी। उनमें इतिहासकारों ने इतिहास को तोड़मरोड़ कर प्रस्तुत किया और प्रताप के पराक्रम में कमी ला दी। उन्होंने कहा कि इतिहासकारों की मर्जी है कि वो जिसे चाहे महान कह दे। मैं उनसे सहमत नहीं हूं। मैं यह पूछना चाहता हूं कि महाराणा प्रताप ग्रेट क्यों नहीं हो सकते है। उन्हें ग्रेट किंग महाराणा कहा जाना चाहिए। प्रताप व अकबर के बीच हुए युद्ध को कुछ लोगों ने हिन्दू-मुस्लिम युद्ध कह कर दुष्प्रचारित किया है। यह उनका गलत कृत्य है। प्रताप ने मेवाड़ की रक्षा व स्वाभिमान के लिए युद्ध लड़ा था। प्रताप के सेनापति हकीम खां सूर थे तो अकबर की सेना में भी कई हिन्दू थे। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप से जुड़ी कहानियां बच्चे-बच्चे के जुबां पर पहले तो बहुत रहा करती थी लेकिन इतिहासकारों ने कुछ हालात पैदा कर दिए है कि लोगों की जुबां पर जितनी चर्चा महाराणा प्रताप के जीवन इतिहास की होनी चाहिए उसमें कमी आई है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी सरकार की ओर से आप लोगों को यकीं दिलाना चाहता हूं कि जब तक हम है महाराणा को हिन्दूस्तान के लोगों की जुबां से हटने नहीं देंगे। राजनाथ सिंह के भाषण का युवाओं पर बड़ा असर दिखाई दिया। भाषण के दौरान पाण्डाल में बैठे युवाओं की ओर से ‘‘जय श्री राम’’ के नारे लगे।

सम्बोधन के दौरान राजनाथ सिंह ने भी दो बड़ी घोषणाएं की। घोषणा की कि मेवाड़ में महाराणा प्रताप इंडिया रिर्जव बटालियन खोली जाएगी। जिसमें पसीना बहाने वाले मेहनतकसों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने जोधपुर में ग्लोबल सेंटर फोर काउण्टर टेरेरिज्म और राजस्थान में अटकी पड़ी पुलिस आधुनिकीकरण योजना को भी हरी झण्डी दी। 

विधायक प्रताप गमेती ने अपने दो साल के कार्यकाल में विधानसभा क्षेत्र में करवाए गए कार्यों का ब्यौरा स्मारिका में प्रकाशित करवाया। समारोह के दौरान अतिथियों द्वारा स्मारिका का विमोचन किया गया। वहीं प्रधान पुष्कर तेली ने गोगुन्दा क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों के की जानकारियों युक्त 6 पृष्ठ की पुस्तक अतिथियों को भेंट की। प्रधान ने इन स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की मांग की। 

समारोह को विशाल बनाने के लिए जोरशोर से की थी तैयारियां
भाजपा द्वारा प्रताप जयंती समारोह की तैयारियां जोरों शोरों से की गई। पंचायत समिति के युवा प्रधान पुष्कर तेली की जिद्द के आगे प्रशासनिक अधिकारियों व सरकार के प्रतिनिधियों को बायपास चौराहें पर महाराणा प्रताप की मूर्ति स्थापित करने के मशक्कत करनी पड़ी और अंततः मूर्ति लगाने व सर्किल निर्माण के लिए स्वीकृति देनी ही पड़ी। बायपास चौराहें पर सर्किल का निर्माण करवाया गया और अश्वारूढ़ महाराणा प्रताप की मूर्ति स्थापित की गई। 

उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष महाराणा प्रताप जयंती मनाई जाती है। महाराणा प्रताप राज तिलक सेवा समिति द्वारा जयंती समारोह को धूमधाम तरीके से मनाया जाता रहा है। पहली बार भाजपा विधायक प्रताप गमेती व प्रधान पुष्कर तेली की अगुवाई में प्रताप जयंती को भव्य रूप से मनाने की तैयारियां की गई। बायपास से बसस्टेण्ड तक सड़क के दोनों ओर सरकारी भवनों की दिवारों पर केसरिया रंग पुतवाया गया। जगह-जगह तौरण द्वार सजाए गए। मुख्य बसस्टेण्ड के पास स्थित बाबा रामदेव चौगान में विशाल पाण्डाल लगाया गया जिसमें तकरीबन 15000 लोगों के बैठने की व्यवस्था थी। वहीं समारोह से पूर्व विशाह वाहन रैली निकाली गई। जिसमें विभिन्न झांकियां तैयार की गई। बड़े ही हर्षोल्लास के साथ रैली बायपास चौराहें से राज तिलक पहुंची जहां विधायक प्रताप गमेती, प्रधान पुष्कर तेली, उपप्रधान पप्पू राणा भील, सरपंच गागू लाल मेघवाल, उपसरपंच दया लाल चौधरी, भाजपा मण्डल अध्यक्ष प्रकाश पुरोहित सहित अन्य पदाधिकारियों ने महाराणा प्रताप की मूर्ति को फूल मालाएं अर्पित कर श्रद्धांजली दी। वहां से रैली पुनः रवाना होकर गांव के मुख्य मार्गों से होती हुई रामदेव चौगान स्थित समारोह स्थल पर पहुंची। 

सायं 4 बजे केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, गृहमंत्री गुलाब चन्द कटारिया सेना के हेलिकाॅप्टर से गोगुन्दा के पास सेमटाल काॅलेज परिसर में बनाए गए हेलिपेड पर उतरे। जहां केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया। यहां विधायक प्रताप गमेती, विधायक फूल सिंह, विधायक अमृत लाल मीणा, विधायक गौतम लाल, नाना लाल अहारी, भाजयुमों अक्षय जोशी, जिला प्रमुख शांति लाल मेघवाल, भाजपा देहात जिलाध्यक्ष गुणवंत सिंह झाला व प्रधान पुष्कर तेली ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। 

राज तिलक पर प्रताप व राणा पूंजा को पुष्प अर्पित किए
बायपास पर महाराणा प्रताप की मूर्ति का किया अनावरण
अतिथियों ने राज तिलक पर महाराणा प्रताप व राणा पूंजा भील की प्रतिमा को पुष्प अर्पित कर राज तिलक स्थल का जायजा लिया। उसके बाद बायपास चौराहें पर पहुंचे। यहां ग्राम पंचायत द्वारा अतिथियों का ढोल नगाड़ों के साथ तिलक लगाकर स्वागत किया गया। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने महाराणा प्रताप की अश्वारूढ़ मूर्ति का अनावरण किया। इस दौरान भाजपा मण्डल अध्यक्ष प्रकाश पुरोहित, विधायक प्रताप गमेती, प्रधान पुष्कर तेली, गोगुन्दा सरपंच गागू लाल मेघवाल, उपसरपंच दया लाल चौधरी व वार्ड पंच रोशन लाल वेद सहित कई लोग मौजूद थे। गुलाब चन्द कटारिया ने प्रधान पुष्कर तेली के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा कि इस युवा की जिद्द के कारण यह मूर्ति लग पाई है। राजनाथ सिंह व वसुंधरा राजे ने पुष्कर तेली को बधाई दी। 

उल्लेखनीय है कि बायपास चौराहें का सौन्दर्यीकरण करवाने की पहल प्रधान पुष्कर तेली ने ही की थी। इसके लिए सांसद मद से 5 लाख रूपए की स्वीकृति भी कराई। इस कार्य के लिए भामाशाहों को भी तैयार किया। सर्किल निर्माण एवं मूर्ति के लिए जनसहयोग से 10.5 लाख रूपए एकत्र किए। सर्वाधिक जनसहयोग तिरूपति रोड़ लाईन्स (उदयपुर) ने किया। उन्होंने 6.50 लाख रूपए का आर्थिक सहयोग प्रदान किया। 

राज तिलक सेवा समिति के बैनर तले कांग्रेस ने भी मनाई जयंती
महाराणा प्रताप राजतिलक सेवा समिति द्वारा सुबह 9 बजे से 12 बजे तक राज तिलक स्थल पर महाराणाा प्रताप जन्म जयंती समारोह आयोजित किया गया। समारोह में कांग्रेस के प्रदेशाध्क्ष सचिन पायलेट, पूर्व केंद्रीय मंत्री डाॅ. गिरिजा व्यास, एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरिन्द्र सिंह राजा, विधायक अशोक चान्दणा, पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा ने सम्बोधित किया। वहीं गोपाल सिंह, पूर्व श्रम मंत्री मांगी लाल गरासिया, पूर्व विधायक गजेन्द्र सिंह शक्तावत, अर्जुन लाल बामणिया, लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ व कांग्रेस देहात जिलाध्यक्ष लाल सिंह झाला समारोह में उपस्थित रहे।

समारोह से पूर्व कांग्रेस ब्लाॅक अध्यक्ष हरी सिंह झाला के नेतृत्व में मोटर साईकिल रैली निकाली गई जो मुख्य मार्गों से होते हुए राज तिलक स्थल पर पहुंची। जहां पर अतिथियों ने महाराणा प्रताप व राणा पूंजा भील को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजली दी।

समारोह को सम्बोधित करते हुए सचिन पायलेट ने कहा कि महाराणा प्रताप के संघर्ष से सबको प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने न केवल आनबान की रक्षा के लिए हर परिस्थिति में दुश्मनों का डट कर सामना किया बल्कि राष्ट्र रक्षा के लिए हर वर्ग को साथ लिया। वहीं अमरिन्द्र सिंह राजा ने युवा वर्ग को आगे आकर कांग्रेस से जुड़कर राष्ट्रहित के कार्य करने की बात कही। 

2 घंटे में हो गया समारोह, पूर्व मंत्री को नहीं दिया बोलने का मौका
महाराणा प्रताप राजतिलक सेवा समिति को समारोह के आयोजन के लिए प्रशासन ने दोपहर 12 बजे तक का ही समय दिया था। समिति ने समारोह की शुरूआत करने में देर कर दी। राज तिलक पर 11.30 बजे सभा आरम्भ की। 12 बजे बाद गोगुन्दा के भाजपा मण्डल की ओर से आयोजित रैली राज तिलक पर पहुंचनी थी। 12.30 बजे तक परिसर में सभा चलती रही। उधर भाजपा मण्डल की ओर से पुलिस पर दबाव बढ़ता गया। अंततः पुलिस ने समिति के पदाधिकारियों से बात कर सभा के समापन की घोषणा कर 1.30 बजे परिसर खाली करवाया। परिसर खाली करने के चक्कर में समारोह में आए अतिथियों को बोलने का समय भी नहीं दिया गया। सभा में आए लोग पूर्व मंत्री मांगी लाल गरासिया को सुनना चाहते थे लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। सचिन पायलेट के सम्बोधन के बाद 1.00 बजे समारोह समापन की घोषणा कर दी गई। उल्लेखनीय है कि समारोह में 5000 से अधिक महिला-पुरूष मौजूद थे, जिनमें पूर्व श्रम मंत्री मांगी लाल गरासिया के गृह क्षेत्र के लोगों की संख्या ज्यादा थी। मांगी लाल गरासिया का भाषण नहीं होने से उन्हें हताश होना पड़ा।