Tuesday, October 5, 2010

सच बोला तो किया जाती से बाहर


बालू लाल गुर्जर का संवैधानिक कोर्ट में सच्च बोलना जाति पंचायत के पंचों को गंवारा नहीं गया। भीलवाड़ा जिले की मांडल तहसील के सूलिया गांव के बालूराम गुर्जर ने पुलिस के सामने कोर्ट में सच्च बोल दिया। जिसका फल मिला कि जाति पंचों से समाज से बहिस्कृत कर दिया।
हूआ यूं कि सूलिया गांव में  देवनारायण मंदिर में गुर्जर जाति के लोगों ने जबरन कब्जा कर लिया और दलितों को मंदिर में प्रवेश वर्जित कर दिया। दलितों ने मुकदमा दर्ज करवाया। बालूराम गुर्जर ने गवाही दी और तप्तीष करने आई पुलिस को सच्च बता दिया कि देवनारायण मंदिर की बरसों से बलाई जाति के व्यक्ति ही पूजा कर रहे है। इससे नाराज होकर गुर्जर जाति के लोगों ने पंचायत बुलाई। पंचायत में बालू लाल गुर्जर पर अपने बयान बदलने के लिए दबाव बनाया। बालू लाल ने पंचों की बात नहीं मानी तो पंचो ने उसे जाति से बाहर कर दिया। तब से ही बालू लाल अपने परिवार के साथ घूट-घूटकर जी रहे है। वह अपनी बहिन, अपने सगे संबंधी के घर नहीं जा सकते हैं और ना ही इनके सगे संबंधी ही इनके घर जा सकते है। बालू लाल गुर्जर ने जाति पंचों के खिलाफ दावा भी किया लेकिन जाति पंचों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

मैं किस से शादी करूँ ..?


अधिकतर जाति पंचायत महिलाओं को लेकर ही आयोजित की जा रही है। समाज के पुरूषों की आपसी रंजिषों में महिलाओं के साथ कुठाराघात किया जा रहा है। अब इस मामले को ही देखिए इसमें यषोदा का क्या दोष हैं? उसे क्यों बली का बकरा बनाया जा रहा हैं? क्या वह अपनी मर्जी से विवाह नहीं कर सकती?
बड़ा महुआ निवासी उगमाराम जाट की पुत्री यषोदा की सगाई भोली गांव के भंवरलाल जाट के पुत्र गोवर्धन जाट के साथ की थी। गोवर्धन जाट के एक अन्य मुस्लिम समुदाय की युवती के साथ अवैध संबंध थे। जिसकी भनक जब मुस्लिम समुदाय के लोगों को लगी तो काफी लड़ाई झगडे़ हुए। जिसके बाद गोवर्धन जाट मुस्लिम युवती के साथ कई बरसों तक रहा। इसकी जानकारी यषोदा को भी मिल गई। यषोदा ने गोवर्धन से विवाह करने से अपने पिता को साफ मना कर दिया। तब यषोदा के पिता उगमाराम भोली गांव गए और गोवर्धन के पिता से मिलकर यषोदा के मन की बात बताई तो गोवर्धन के पिता भड़क उठे और गालियां निकाली। गोवर्धन उसी ‘‘आम चैकला जाट समाज एंव बदनौरा जाट समाज’’ नाम की जाति संस्था के पंचों से मिला। पंचों ने 9 सितम्बर 2010 को भीलवाड़ा के नजदीक स्थित सिंदरी बालाजी के मंदिर पर पंचायत बुलाई। उगमाराम जाट को धमकी भरा नोटिस देकर तलब किया। उगमाराम अपने दो भाईयों लादू लाल व सत्तू के साथ वहां गया। पंचों ने यषोदा का विवाह गोवर्धन के साथ कराने के लिए दबाव बनाया। तीनों भाईयों ने जब विरोध किया तो पंचों ने जाति से बाहर कर देने की धमकी दी। उगमाराम व उसके भाईयों ने पंचों के फैसलें को नहीं माना तो गोवर्धन व उसके साथियों ने हाॅकी स्टिकों तथा लोहे के सरियों से इनकी पिटाई कर दी। छोटु लाल जाट ने तुरंत 108 पर काॅल कर एंबुलेंस बुलाई और सरकारी अस्पताल में ईलाज करवाया। मामले की रिपोर्ट 26.9.2010 को सुभाषनगर, भीलवाड़ा में दर्ज कराई गई। लेकिन अभी तक अपराधियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है। उधर यषोदा ने पुलिस अधिक्षक के समक्ष एक प्रार्थना पत्र किया है जिसमें मांग की है कि अगर मेरी शादी गोवर्धन के साथ करवाई जाएगी तो मैं आत्महत्या कर लूंगी। उसने अपने पिता व चाचा के साथ मारपीट करने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग भी की।

Sunday, October 3, 2010

मजदूरी कर दी मुख्यमंत्री को दान

मै अपने कार्यालय में बैठा था कि बाहर से आवाज आई .... अल्लाह के नाम पर दे दे सेठ ... मैंने बाहर देखा तो एक बाबा अपने हाथों में लौबान का कटोरा लिए हुए खड़ा है..... मै जेब टटोलता हुआ बाहर आया और जेब से हाथ में आया हुआ एक रूपया बाबा के हाथ में थमा दिया........बाबा ने पहले तो सिक्के को और बाद में मुझे घूरकर देखा और सिक्के को वापस मेरे हाथ में देता हुए बोला..... ये ले सेठ.... तू ही रख ले इसे... तेरे काम आएगा...  यानि कि भीख में भी एक रूपये को स्वीकार नहीं किया भिखारी ने..... और यह बात है वर्ष 2003 की.
आज 7 वर्ष बाद टोंक जिलें में महानरेगा मजदूरों को कड़ी धूप में काम करने का.... प्रतिदिन का एक रूपये के हिसाब से पैसा दिया है सरकार ने.... सभी महानरेगा मजदूरों ने सरकार से पूरी मजदूरी देने की मांग की लेकिन जब सरकार ने दो माह बाद भी सुनवाई नहीं तो महानरेगा मजदूरों ने अपने पैसो से बस किराये पर की और जयपुर आकर महानरेगा में काम करने पर मिली मजदूरी को मुख्यमंत्री को दान में देते हुए राहतकोष में जमा कराई.