Sunday, December 29, 2019

उत्तरी भारत के वरिष्ठ पत्रकार से दक्षिणी राजस्थान के एक कनिष्ठ पत्रकार का अनुरोध

उत्तरी भारत के पिलंग गांव के पहाड़ी पत्रकार ने दक्षिणी राजस्थान के पहाड़ियों पर उपकार कर दिया
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दैनिक भास्कर के 100 दिन 100 खबरें अभियान के तहत संवदेनशील पत्रकार आनन्द जी चौधरी और फोटो जर्नलिस्ट अनिल जी र्मा ने जान जोखिम में डालकर स्टींग किए। इस अभियान के तहत विगत दिनों ‘‘मानव तस्करी-बाल श्रम’’ पर और झोलाछाप डाॅक्टरों के मुद्दे पर अलग-अलग खबरें प्रकाशित की गई थी। इन दोनों ही खबरों का जोरदार असर हुआ है, ऐसा असर हुआ है कि बरसों से दबाए रखे गए मुद्दों पर सरकार एक्शन मोड़ में आ गई है।
मैं बरसों से इन मुद्दों पर काम कर रहा था, उम्मीद थी कि एक ना एक दिन ‘‘मानव तस्करी’’ की रोकथाम की जाएगी। बचपन को बचाया जाएगा। झोलाछापों को अपने झोले समेटने पडेंगे।
वो दिन अंततः आ ही गए। दैनिक भास्कर के स्टींग प्रकाशित होने के बाद सरकार के निर्देश पर प्रशासन ने बड़ी कार्यवाहियां की है।
गुजरात के सूरत शहर से कल 100 से अधिक बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया गया है। मानव तस्वरी की रोकथाम के लिए उदयपुर जिले के कोटड़ा ब्लाॅक में 8 चैक पोस्ट बनाए जायेंगे।
कल उदयपुर जिले सहित राजस्थान के अलग-अलग जिलों में सैकड़ों झोलाछापों पर कानूनी कार्यवाहियां की गई।
दैनिक भास्कर के स्टेट एडिटर एल.पी. पंत जी ने क्रांति ला दी है। पंत जी मूलतः पहाड़ी है, उत्तरी भारत के उत्तराखण्ड के चिमौली जिले के पंत जी ने दक्षिणी राजस्थान के पहाड़ी हजारों-लाखों लोगों के जीवन को संकट से बचाया है।
मैं सुदूर जंगल में पहाड़ी पर बैठा देख रहा हूं कि अरावली पहाड़ी क्षेत्र में कई एनजीओ श्रम, प्रवास व स्वास्थ्य के मुद्दे पर काम कर रहे है, लेकिन उनकी दूकान में सामान कम है। अगर सामान होता तो नजर आता। इनके मालिक विदेशी फण्ड से अपने घर भरने और महंगे शौक पूरे करने में लगे है। दैनिक भास्कर की मुहिम से इन दोनों ही मुद्दों पर तगड़ा काम सरकार ने शुरू कर दिया है। अब कई एनजीओ की दूकानें बंद होने की नौबत भी आएगी।
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उत्तरी भारत के वरिष्ठ पत्रकार से दक्षिणी राजस्थान के एक कनिष्ठ पत्रकार का एक अनुरोध -
पंत जी से अनुरोध है कि कुछ और मुद्दे है, अगर उन पर भी स्टोरी हो जाए तो दक्षिणी राजस्थान के पहाड़ वासियों पर आपका उपकार हो जाएगा।