Sunday, February 3, 2013

मियाला में सालवी समाज का विवाह सम्मेलन सम्पन्न


29 जोड़े बंधे परिणय सूत्र में 

  • लखन सालवी

1 फरवरी को राजसमन्द जिले के मियाला गांव में सालवी समाज द्वारा सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में 29 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। उल्लेखनीय है कि मियाला गांव में सालवी समाज के आराध्य देव रूणिचा के श्री बाबा रामदेव के काका श्री धनराजजी की समाधी स्थित है और प्रति वर्ष भादवा माह की बीज पर यहां विशाल मेले का आयोजन किया जाता है।

सम्मेलन में मेवाड़ व मारवाड़ क्षेत्र के सालवी समाज के करीबन 25000 महिला पुरूषों ने भाग लिया। सम्मेलन में पूर्व मंत्री कैलाश मेघवाल, डॅा. अशोक मेघवाल, पूर्व मंत्री लक्ष्मण सिंह रावत, पूर्व विधायक बंशी लाल गहलोत, ब्यावर के अर्जुनराम दुखाडि़या, भीलवाड़ा के भंवर मेघवंशी, भीलवाड़ा जिला प्रमुख सुशीला सालवी, गंगापुर के मोहन लाल बलाई, आसीन्द के बहादुर मेघवंशी, देवगढ़ के किशन लाल सालवी, सहित कई समाजसेवियों ने भाग लिया।

ताकत पदों में नहीं . . . समाज में है - मेघवंशी

सम्मेलन के दौरान आशीर्वाद समारोह का आयोजन किया गया। समारोह के दौरान सम्मेलन में आए मेवाड़ व मारवाड़ क्षेत्र की सभी बैठकों के अध्यक्षों एवं अतिथियों का साफा बंधवाकर स्वागत किया गया। स्वागत समारोह में सामाजिक कार्यकर्ता भंवर मेघवंशी ने नव विवाहितों के मंगल जीवन की कामनाएं करते हुए कहा कि यह संतों का समाज है। इस समाज में गोकुलदास महाराज, गरीब साहेब महाराज, अणछी बाई जैसे ओजस्वी संतों ने जन्म लिया। हमें अपने समाज के महान संतों के उपदेशों को जीवन में उतारना चाहिए और बाबा भीमराव अम्बेडकर की विचारधारा पर चलते हुए आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह न केवल विवाह सम्मेलन है बल्कि समाज की एकजुटता का परिचायक है। सम्मेलन से समाज की एकजुटता व ताकत नजर आती है। उन्होंने कहा कि समाज के कई लोग समाज की बदौलत उच्चे पदों तक पहुंच जाते है। लोग समझने लगते है कि उच्चे पदों में ताकत होती है जबकि ताकत पदों में नहीं . . . समाज में होती है। 

भंवर मेघवंशी ने कहा कि कमजोर वर्ग के साथ छलावा हो रहा है और दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समाज को राजनैतिक रूप से मजबूत बनाना है और राजनीतिक ताकत को बढ़ाकर समाज को आगे लाना है। ना किसी एक राजनैतिक पार्टी से जुड़ना है और ना ही राजनीति से दूर रहना है। 

आशीर्वाद समारोह को सम्बोधित करते हुए पूर्व मंत्री लक्ष्मण सिंह ने कहा कि होड़ के इस दौर में विवाह कार्यक्रमों में खर्च बढ़ता जा रहा है। बढ़ते हुए खर्च में लोग दबते जा रहे है। ऐसे में मितव्ययता की दिशा में इस प्रकार के विवाह सम्मेलन बहुत ही महत्वपूर्ण है। 

कार्यक्रम में शिरकत करने आई भीलवाड़ा की जिला प्रमुख सुशीला सालवी ने कहा कि समाज में जागृति आई है। समाज की बेटियां पढ़ लिख रही है और आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अगर बेटियों को सम्मान मिलेगा तो वो और आगे बढ़ पाएगी। 

बनाओं बाबा रामेदव सेना - मेघवाल

पूर्व मंत्री कैलाश मेघवाल ने समारोह में शिरकत कर रहे समाज के लोगों से आव्हान् करते हुए कहा कि सामूहिक विवाह की प्रवृति को अधिकाधिक प्रयोग में लाया जावें। उन्होंने कहा कि मन की भावना से इस प्रकार के आयोजन किए जाए। ऐसे आयोजन बहुउद्देशीय हो जाते है। यह आयोजन मितव्ययता का सार्थक परिणाम तो है ही साथ ही इस प्रकार के आयोजनों से समाज जुड़ता है तथा समाज के लोगों में परस्पर प्रेम भाव बढ़ता है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों में कई लोग मंचों पर बोलना भी सीख रहे है, समाज की महिलाओं को भी बोलने का मौका मिल रहा है। महिलाएं आगे आई है और बोल रही है, भीलवाड़ा जिले की समाज की बेटी जिला प्रमुख बनी और राजनीति में भूमिका निभा रही है। आज उसे मंच पर बोलते देख अच्छा लगा कि वो बोलना सीख रही है। 

मेघवाल ने अपने संबोधन में समाज को संगठित होने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि आज बुनकर समाज विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है। कहीं सूत्रकार तो कहीं सालवी, कहीं बुनकर तो कहीं बलाई, कहीं मेघवाल तो कहीं मेघवंशी के नाम से जाना जाता है। लेकिन विभिन्न नामों से जाने जाना वाले इस ‘सूत कातने वाले’ समाज को एकजूट होना है। उन्होंने कहा कि ‘सरनमे’ की कोई परवाह नहीं है, जिसे जो नाम अच्छा लगे वो उस नाम का उपयोग करें लेकिन जब समाज की एकजुटता की बात आए तो सभी एक जाजम पर एक साथ बैठे। 

मेघवाल ने कहा कि हम सभी बाबा रामदेव को मानने वाले है, सभी रामदेव पीर की जय बोलते है। राज्य की सबसे ज्यादा जनसंख्या अनुसूचित जाति व जनजाति की है। अनुसूचित जाति की बलाई, रेगर, बैरवा, सहित कई जातियों के लोग बाबा रामेदव को मानते है। ये सभी बाबा रामदेव को अपना आराध्य देव मानते है। दलितों के देव कहे जाने वाले बाबा रामदेव को सभी धर्मों के लोग मानते है। हिन्दू उन्हें अपने आराध्य देव मानते है वहीं वो मुसलमानों के पीर कहलाते है। साम्प्रदायिक सद्भाव का इससे बड़ा उदाहरण कहीं ओर देखने को नहीं मिलेगा। उन्होंने समाज को जागरूक होकर संगठित होने का आव्हान करते हुए कहा कि अब समय आ गया है अपनी साम्प्रदायिक एकता को दिखाने का और अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग को मिलकर बाबा रामदेव की सेना बनाने का।


अखिल भारतीय सालवी महासभा एवं विकास संस्थान की ओर से मियाला में हुए इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में 29 वर-वधु परिणय सूत्र में बंधे। 1 फरवरी को सुबह 7 बजे से विवाह सम्मेलन की रस्में पूरी हुई। वर-वधुओं की बैंड-बाजों के साथ सामूहिक बिन्दौली निकाली गई।

आयोजन स्थल पर बनाए गए विशेष विवाह मण्डप में तोरण की रस्में हुई। पंडित मूलाराम आर्य व धर्मवीर आर्य ने पाणिग्रहण संस्कार सम्पन्न कराया। वहीं दोपहर में आयोजित हुए आशीर्वाद समारोह की अध्यक्षता पूर्व मंत्री कैलाश मेघवाल ने की। समारोह के मुख्य अतिथि सांसद गोपाल सिंह शेखावत थे। विशिष्ठ अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री लक्ष्मण सिंह रावत, पूर्व विधायक बंशीलाल गहलोत, भंवर मेघवंशी, भीलवाड़ा की जिला प्रमुख सुशीला सालवी व देवगढ़ के प्रधान हमीर सिंह रावत उपस्थित थे।अतिथियों का आयोजकों की ओर जेठाराम ने स्वागत किया। सम्मेलन को सफल बनाने में वेणाराम नागर, रूपाराम जलवाणिया, देवी लाल नगोड़ा, नाथूराम मेलका, अरूण कुमार बरोला, डाउराम मेमात, भीमराज भाटी, हरीश कुमार, गणेशराम भाटी, घीसूलाल, पुखरात, खीमाराम कटारिया, दुर्गालाल, कालूराम इत्यादी का सराहनीय सहयोग रहा।
बहरहाल क्षेत्र के 29 जोड़ों का विवाह सम्मेलन सम्पन्न हो गया है। दूल्हें अपनी दुल्हनों के साथ दाम्पत्य जीवन जीने के लिए अपने-अपने घरों में पहुंच चुके है वहीं सम्मेलन में आशीर्वाद समारोह में पूर्व मंत्री कैलाश मेघवाल द्वारा किए गए आव्हान् पर समाज के लोगों ने एकजुट होना आरम्भ कर दिया है और जमीनी स्तर पर बाबा रामदेव सेना का निर्माण आरम्भ हो गया है। वहीं क्षेत्र के भाजपा व कांग्रेस के नेताओं की नींद हराम हो गई है क्योंकि उन्हें दलित व अल्पसंख्यक वोट बैंक अपने पाले से बाहर जाता दिखाई दे रहा है।