Saturday, January 7, 2012

वाह रे प्रशासन . . . 8 माह पहले किया बंधक श्रम से मुक्त, अब दिए प्रमाण पत्र

लखन सालवी

बारां (राजस्थान) जिला कलक्टर वी. सरवन कुमार की अध्यक्षता में गठित बंधक श्रमिक पुनर्वास समिति द्वारा किशनगंज तहसील के इकलेरा सागर की सहरिया बस्ती में रह रहे (जो कि पिछले वर्ष छबड़ा तहसील के आमलपुरा व कोलीखेड़ा गांव के जमींदारों के यहां से बंधुआ मजदूरी छोड़कर भाग आए थे) बंधुआ श्रमिको को बंधुआ विमुक्ति प्रमाण पत्र जारी किए गए है।
श्रमिको को पुनर्वास सामग्री का वितरण किया गया। उल्लेखनीय है कि बंधुआ मजदूरों के पुर्नवास के लिए 20 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाती है। फिलहाल उक्त 15 मजदूरों को 1000-1000 रुपए दिए गए है।
जानकारी के अनुसार छबड़ा तहसील के उपखंड अधिकारी द्वारा 12 मई 2011 को 15 बंधक श्रमिको को बंधक श्रम से मुक्त कराकर बंधक मुक्ति प्रमाण पत्र जारी किए गए थे। लेकिन बंधक मुक्त कराने के 8 माह बाद अब उन 15 लोगों को बंधक मुक्त प्रमाण पत्र दिए गए है। इस कानून के अंतर्गत बंधक श्रमिक के पुनर्वास की जिम्मेदारी सरकार की होती है, लेकिन अभी तक बंधक श्रम से मुक्त कराए गए मजदूरों का पुनर्वास नहीं किया गया है।

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