Saturday, November 17, 2012

ये गुटों की खींचतान है या दिग्गजों की आपसी रंजिसों का नतीजा


  • लखन सालवी।
राजनीतिक संगठनों में राज्य, जिला व ग्राम स्तर पर कार्यकर्ताओं में निरन्तर खींचतान बढ़ती जा रही है। संगठन खेमों में बंटते जा रहे है और इन खेमों के लोग सक्रिय होकर स्वार्थ सिद्ध करने में लगे है। गुटों की खींचतान के कारण कांग्रेस संगठन के सभी कार्यक्रम फिस्स हो चुके है। न बूथ लेवल एजेन्टों की नियुक्तियां हुई ना ही पंचायत और वार्ड कमेटियों को गठन हो पाया। कुछ राजनीतिक सम्मेलन आयोजित हो पाए जिनमें भी गुटों की खींचतान सामने आई।
गुटों की शाखाएं तेजी से बढ़ रही है और ये शाखाएं मजबूत होकर पार्टियों को गर्त में ले जाने का कार्य कर रही है। गुटबाजी के मामले में कांग्रेस अव्वल है। अब तो छात्रसंघ के चुनावों में गुटबाजी सामने आने लगी है। भीलवाड़ा में राजनीति में प्रवेश की पहली सीढ़ी (छात्र राजनीति) ही गुटबाजी का शिकार हो रही है गुटों में बंट रहे पार्टियों के कार्यकर्ता न केवल एक दूसरे की टांग खींच रहे है बल्कि लात घुसे बरसाने तक से परहेज नहीं कर रहे है।
हाल ही में भीलवाड़ा में जिला कांग्रेस कार्यालय में एनएसयूआई के दो गुटों के बीच जूतम् पेजार (लात-घूसे) हुई। उल्लेखनीय है कि छात्रसंघ के चुनाव होने वाले है। चुनावों के मद्देनजर एनएसयूआई के चुनाव पर्यवेक्षक विकास बेनीवाल टिकट के दावेदारों से मिलने के लिए 7 अगस्त को भीलवाड़ा आए थे। वे कांग्रेस कार्यालय में जिलाध्यक्ष अनिल डांगी के साथ दावेदारों से मिल रहे थे। उनके साथ चुनाव प्रभारी राजू जाट भी मौजूद थे। राजू जाट को वहां देखकर एनएसयूआई के एक गुट के कार्यकर्ता भड़क गये और राजू जाट पर गत चुनाव में बागी उम्मीदवार का सहयोग देने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी करने लगे। कार्यकर्ताओं का कहना था कि राजू जाट ने खुल्लेआम बागी उम्मीदवार का सहयोग किया था तो किस आधार पर उसे चुनाव प्रभारी बनाया गया। पूर्व चुनाव में एनएसयूआई के अध्यक्ष पद हेतु प्रत्याशी रहे किशन जाट व भंवर गुर्जर ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनिल डांगी पर भी बागी गुट का सहयोग करने का आरोप लगाया। कांग्रेस जिला सचिव व चुनाव प्रभारी राजू जाट को तो धक्केमार कर कांग्रेस कार्यालय से ही बाहर निकाल दिया।
नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर एनएसयूआई के एक कार्यकर्ता ने बताया कि गत वर्ष के चुनाव में एनएसयूआई की ओर से किशन जाट को उम्मीदवार बनाया गया था। जबकि कांग्रेस के मुख्य लोगों ने बागी उम्मीदवार कैलाश जाट को चुनाव जीताया। वहीं से एनएसयूआई दो गुटों में विभाजित हो गया।
जगजाहिर है कि किशन जाट को एनएसयूआई अध्यक्ष का टिकिट एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष धीरज गुर्जर के कारण मिला था यानि प्रदेशाध्यक्ष किशन जाट के पक्ष में थे। वहीं कैलाश जाट को निर्दलीय चुनाव लड़वाने में कांग्रेस के युवा नेता रामलाल जाट व डेयरी अध्यक्ष रतन लाल जाट का नाम सामने आया। यह जगजाहिर हो गया कि एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष धीरज गुर्जर किशन जाट के पक्ष में थे, जबकि पूर्व मंत्री रामलाल जाट कैलाश जाट के पक्ष में।
राजू जाट ने युवा जाट नेता की शह पर बगावत की और निर्दलीय उम्मीदवार कैलाश जाट का खुलकर सहयोग किया। एनएसयूआई के उम्मीदवार को हराकर निर्दलीय उम्मीदवार कैलाश जाट को जीताया। उल्लेखनीय है कि निर्दलीय उम्मीदवार कैलाश जाट का सहयोग करने के कारण पूर्व मंत्री रामलाल जाट से खफा किशन जाट के समर्थकों ने रामलाल जाट पर पत्थर भी फैंके थे।
बहरहाल राजनैतिक दिग्गजों के इशारों में स्थानीय छात्र नेता किशन जाट और कैलाश जाट गुट के बीच घमासान मचा हुआ है। छात्रसंघ अध्यक्ष कैलाश जाट गुट का नेतृत्व राजू जाट कर रहे है। इस गुट के दिनेश जाट ने अध्यक्ष, मुकेश विश्नोई ने उपाध्यक्ष, मयंक सुवालका ने महासचिव व सत्यनारायण तिवाड़ी ने संयुक्त सचिव के लिए टिकट मांगा है। गर्ल्स कॅालेज में अंकिता दाधीच ने अध्यक्ष, सरोज जाट ने उपाध्यक्ष, ज्योति लौहार ने महासचिव व चेतना सेन ने संयुक्त सचिव के लिए टिकट मांगा है। जबकि किशन जाट गुट का नेतृत्व पूर्व जिलाध्यक्ष रामेश्वर जाट कर रहे है। इस गुट के तीन जने अध्यक्ष पद के लिए टिकट मांग रहे है (विनोद जाट, गोपाल चौधरी व गौतम महावार)। कमलेश सिंह ने उपाध्यक्ष, मदन अहीर ने महासचिव व रमेश अहीर, ओमप्रकाश रेगर ने संयुक्त सचिव के लिए दावेदारी जताई है। गर्ल्स कॅालेज में राजकुमारी चौधरी ने अध्यक्ष, सोनल जांगिड़ ने उपाध्यक्ष, रूख्सार खान ने महासचिव व दीपाली पांडे ने सचिव के लिए दावेदारी जताई है। वहीं लोग इस चुनाव को छात्रसंघ चुनाव की बजाए धीरज गुर्जर बनाम रामलाल जाट का चुनाव करार दे रहे है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनिल डांगी का कहना है कि एनएसयूआई पार्टी का अग्रिम संगठन है। छोटे मोटे हो जाते है, हम मिलकर निपटायेंगे। एनएसयूआई जिसे टिकट देंगे हम उसी प्रत्याशी के साथ रहेंगे। राजू जाट को चुनाव प्रभारी लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि दो वरिष्ठ पदाधिकारियों की टीम और लगा देंगे।
वहीं टिकट के दावेदारों से मिलने आए चुनाव पर्यवेक्षक विकास बेनीवाल ने बताया कि हम कॅालेज के छात्रों से फीडबैक लेंगे तथा उसी को टिकट दिया जाएगा जो अनुशासन में रहेगा। गुटों के बारे में उन्होंने कहा कि हम शीघ्र ही बैठक करेंगे, कोशिश करेंगे कि गुट एक हो जाए।
गुटों की राजनीति के इस मामले में खबरकोश डॅाटकॅाम के उपसंपादक लखन सालवी ने धीरज गुर्जर से बातचीत की। उनसे हुई बातचीत के सम्पादित अंश यहां प्रकाशित किए जा रहे है - 
एनएसयूआई में गुटों में बंटता जा रहा है क्या कारण है ?
बड़ा संगठन है, विचारों में मतभेद हो सकते है, जिन्हें मिलकर निपटा लिए जाएंगे। सभी एक हो जाएंगे। वैसे मतभेद तो है नहीं पार्टी में।
गत चुनाव में किशन जाट को आपने टिकट दिलवाया ? पार्टी व संगठन से जुड़े लोगों ने बागी उम्मीदवार का सहयोग किया? इसके पीछे क्या कारण रहा ?
हां एनएसयूआई ने किशन जाट को टिकट दिया था। पार्टी से जुड़े कुछ राजनैतिक लोगों ने बागी उम्मीदवार का सहयोग किया। वो अपनी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए छात्र संगठन को बांटने की कोशिशें कर रहे है, लेकिन वो इस बार सफल नहीं होंगे।
गत चुनाव में एनएसयूआई के प्रत्याशी को हराया गया, इसमें रामलाल जाट व उनके सहयोगियों का हाथ था ?
हां हां बिलकुल सही है, यह जगजाहिर हो चुका है, अखबारों में आ चुका है।
संगठन की बजाए गुट मजबूत होते जा रहे है, आप क्या करेंगे ?
मैंने अपने हाथों से एनएसयूआई को खड़ा किया है, छात्र शक्ति को जोड़ा है। मैं पूरी कोशिश करूंगा कि एनएसयूआई राजनीति का अखाड़ा न बने।

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