Friday, April 20, 2012

धरना प्रदर्शन सफल, आरोपी गिरफ्तार

दलितों ने भरी हुंकार, शांति से रहने दो नहीं तो होगा प्रदेश स्तरीय आंदोलन
दलित अत्याचारों के विरोध में राजसमन्द के पुरानी कलक्ट्रेट के परिसर में विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में राजसमन्द, उदयपुर व भीलवाड़ा जिले के करीबन 5000 ने लोगों ने भाग लेकर जिले में बढ़ रही दलित अत्याचार के घटनाओं पर प्रशासन को आड़े हाथों लिया।
19 अप्रेल को ‘‘जय भीम’’ के उद्घोष के साथ भीम से मोटर साइकिल रैली रवाना हुई जो दोपहर 12 बजे राजसमन्द पहुंची। गांवों-गांवों से लोग राजसमन्द पहुंचे और पुराने जिला कलक्ट्रेट परिसर में इक्कट्ठा हुए। वहां सभा का आयोजन किया गया, जिसमें पीडि़त दलितों ने अपनी पीड़ा बताई। देवगढ़ तहसील के सोंलकियों का गुढ़ा गावं की टमु बाई ने बताया कि गांव के गुर्जर जाति के लोग उसे 10 सालों से परेशान कर रहे है। उसे डायन कहते है और अपमानिक करते है।
भीम तहसील के 40 मील गांव की अणछी बाई ने बताया कि वह 27 मार्च को महानरेगा के कार्यस्थल पर पानी पिलाने का कार्य कर रही थी कि वहां पर सुखदेव सिंह नाम का लड़का आया और पानी की मटकियों को लात मार कर फोड़ दिया। विरोध करने पर जातिगत गालियां दी। अणछी बाई ने बताया कि उसने थाने में रिपोर्ट दी लेकिन सुखदेव सिंह अभी तक खूलेआम घूम रहा है। नाथद्वारा थाना क्षेत्र में दलित मानवाधिकार कार्यकर्ता शंकर लाल रेगर ने बताया कि अक्षय पात्र के मैनेजर चन्द्रसिंह राठौड़ ने महज इस बात के लिये उन्हें जातिगत गाली गलौज व मारपीट करके अपमानित किया क्योंकि उन्होंने अक्षयपात्र में दलित आदिवासी युवाओं को काम दिलाने की मांग उठाई। शंकर लाल रेगर ने बताया कि अक्षय पात्र के मैनेजर चन्द्रसिंह राठौड़ के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 341, 323 तथा अनुसूचित जाति जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 3 (1) (10) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया किन्तु कोई कार्यवाही अभी तक नहीं की गई।
सभा के दौरान एक और मामला सामने आया कि राजनगर थाना क्षेत्र के राज्यावास की निवासी 32 वर्षीय जीएनएम नर्स जो कि आर.के. हॅास्पीटल में कार्यरत है, 10 फरवरी 2012 की शाम जब वह अपनी स्कूटी से घर जा रही थी तब अमलोई निवासी निर्भय सिंह राव ने बिना नम्बर प्लेट की मोटर साइकिल से पीछा करते हुये स्कूटी के टक्कर मारकर दलित नर्स तारा यादव को नीचे गिरा दिया, उसका दुपट्टा छीना, झापट मारी तथा सरेआम छेड़छाड की। नीचे गिरने से तारा यादव के घुटनों पर चोंट लगी और स्कूटी भी टूट गई। आरोपी निर्भय सिंह राव ने दलित नर्स को कहा कि - ‘‘चमारनी यदि इस रोड़ से निकलना है तो मुझे सलाम करके निकलना पड़ेगा वरना नहीं जाने दूंगा और सीधे तरीके से आना।’’ इतना ही नहीं बल्कि आरोपी राव दलित नर्स के साथ और बदतमीजी करने लगा, नर्स के चिल्लाने पर राहगीरों ने आकर उसकी लाज बचाई, इससे पूर्व भी तकरीबन छह माह से आरोपी निर्भय सिंह दलित नर्स तारा यादव के साथ छेड़छाड, रास्ता रोकना, जातिगत गालियां देना आदि कर रहा था, मगर लोकलाज के भय से तारा यादव चुप रही, जब आरोपी की हरकतें बर्दाश्त के बाहर हो गई तो वह मामला पुलिस के समक्ष ले गई। थाने में मामला तो दर्ज कर लिया गया मगर कार्यवाही के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ। वहीं इस बारे में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एक्सीडेंट का मामला था, थाने में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और जांच कार्यवाही की जा रही है।
सभा को राजसमन्द के जिला प्रमुख किशन लाल गमेती, दलित अधिकार नेटवर्क राजस्थान के राज्य संयोजक तुलसीदास राज, दलित आदिवासी एवं घुमन्तु अधिकार अभियान राजस्थान (डगर) के संस्थापक भंवर मेघवंशी, डगर के प्रदेश संयोजक परशराम बंजारा, रमा झावडि़या सहित कई लोगों ने संबोधित किया।
गुर्जर को किया गिरफ्तार, जिला प्रमुख ने पीडित को बंधवाई काबरिया रंग की पगड़ी
पुलिस ने दलित की पगड़ी को जलाने वाले मामले में आरोपी किशन लाल गुर्जर को विरोध प्रदर्शन की पूर्व की रात को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी किशन लाल गुर्जर को 18 अप्रेल को गिरफ्तार कर लिया गया और कोर्ट में पेश कर दिया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। दूसरी तरफ विरोध प्रदर्शन के दौरान आयोजित की गई सभा में राजसमन्द के जिला प्रमुख किशन लाल गमेती ने गोवर्धन लाल बलाई को काबरिया रंग की पगड़ी बंधवाकर उसकी हौसला अफजाई की।
उल्लेखनीय है कि गुणिया गांव के गोवर्धन बलाई के माथे पर बंधी काबरिया रंग की पगड़ी को बियाना गांव के किशन लाल गुर्जर ने 11 मार्च को यह कहते हुए छीन ली थी कि काबरिया रंग की पगड़ी तो गुर्जर जाति के लोग ही बांध सकते है। उसने गोवर्धन की पगड़ी को न केवल छीना बल्कि जलती हुई भट्टी में डाल दिया। गोवर्धन लाल को धमकी दी कि आज के बाद गुर्जरों के जैसी पगड़ी मत बांधना वरना भट्टी में डालकर जिंदा जला दूंगा। गोवर्धन बलाई ने इसकी शिकायत दिवेर थाने में की थी। थाने वालों ने रिपोर्ट तो दर्ज कर ली मगर किशनलाल गुर्जर को गिरफ्तार नहीं किया था।
पुरानी कलक्ट्री से नई कलक्ट्री तक निकाली रैली
सभा के बाद विशाल रैली निकाली गई। अलग-अलग गांवो से आए महिला पुरूषों ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोगों के साथ छुआछूत एवं उत्पीडऩ के विरोध में जमकर कर नारे लगाए। जय भीम, बाबा साहब अमर रहे, दलितों पर अत्याचार, बंद करो बंद करो, एक दो तीन चार, नहीं सहेंगे अत्याचार जैसे नारे लगाते हुए पुरानी कलक्ट्री से नई कलक्ट्री तक पहुंचे।
अतिरिक्त जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक ने दिया कार्यवाही करने का आश्वासन
प्रदर्शनकारियों की ओर से डगर के संस्थापक भंवर मेघवंशी की अगुवाई में एक दल जाकर अतिरिक्त जिला कलक्टर से मिला और दलित अत्याचार के मामलों में कार्यवाही की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। अतिरिक्त जिला कलक्टर ने दलित अत्याचार के सभी मामलों में शीघ्र कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। अतिरिक्त जिला कलक्टर ने दलितों की जमीनों पर से अतिक्रमण हटाने व बासनी गांव के मृतक के परिजनों को मुआवजा दिलवाने का आश्वासन दिया।
दल के लोग पुलिस अधीक्षक से भी मिले और उन्हें ज्ञापन सौंपा। पुलिस अधीक्षक ने दल के लोगों को बताया कि पगड़ी छीनकर जलाने के मामलें में बियाना गांव के आरोपी किशन लाल गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे जेल भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि महानरेगा कार्यस्थल पर पानी पिला रही 40 मील गांव की दलित महिलाओं की मटकियों को फोड़ने व उन्हें जातिगत गालियां देने के मामलें के आरोपी सुखदेव सिंह को 107 व 151 में गिरफ्तार कर लिया गया था, अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत जांच पुलिस उपाधिक्षक को सौंपी गई है, वो जांच कर रहे है।
डगर के संस्थापक भंवर मेघवंशी व दलित अधिकार नेटवर्क राजस्थान के राज्य संयोजक तुलसीदासराज ने बताया कि प्रशासन ने कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है अगर कार्यवाही नहीं की जाएगी तो राज्य स्तरीय आन्दोलन किया जाएगा।

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