Friday, March 30, 2012

डगर के दल ने ली दलित उत्पीड़न मामलों की जानकारी

 
 गुणिया में दलित व्यक्ति की पगड़ी जलाने के मामले की जानकारी
लेते डगर के पूर्व प्रदेश संयोजक भंवर मेघवंशी
30 मार्च 2012। दलित आदिवासी एवं घुमन्तु अधिकार अभियान के दल ने गुरूवार को राजसमन्द जिले के गांवों का दौरा कर दलित अत्याचारों के मामलों की जानकारी ली। वे 40 मील, सोलंकियों का गुढ़ा, गुणिया व डेकवाड़ा गांव में गए। उल्लेखनीय है कि कुंआथल ग्राम पंचायत के गुणियां गांव के गोवर्धन लाल बलाई ने 13 मार्च को दिवेर थाने में रिपोर्ट दी थी कि वह 11 मार्च को बियाना में गया था वहां किसन लाल गुर्जर ने अपने साथियों से मिलकर उसके सिर से पगड़ी को छीन लिया और भट्टी में डालकर जला दिया। गोवर्धन लाल के अनुसार वह बियाना गांव में जा रहा था कि पीछे से किसन लाल गुर्जर अपने साथियों सहित आया और वे लोग रास्ता रोक कर उसे एक नोहरे में ले गए।  जहां उसे जातिगत गालियां निकालते हुए उसकी पगड़ी छीन ली और भट्टी में डालकर जला दिया। गोवर्धन लाल को धमकी भी दी कि आगे से वो गुर्जरों के जैसी पगड़ी ना पहने वरना जिस तरह से पगड़ी को भट्टी में डाला उस तरह से उसे भी डाल देंगे।
सोलंकियों का गुढ़ा गांव की एक दलित महिला टमू बलाई को गुर्जर जाति के लोगों द्वारा प्रताडि़त किया जा रहा है। टमू बाई ने डगर के कार्यकर्ताओं को बताया कि गांव के गुर्जर जाति के लोग उसके बाड़े की चारदिवारी में लगे पत्थरों को ले जाते है। उसने कई बाद उनकी शिकायत की लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही है।
दल के सदस्यों ने 40 मील गांव के पास चल रहे महानरेगा कार्यस्थल पर दो दलित महिलाओं के मटके फोड़ने व जातिगत गालियां निकालने के मामले की जानकारी ली। 40 मील गांव की दलित बलाई जाति की महिलाओं ने डगर के कार्यकर्ताओं को बताया कि वे 27 मार्च को महानरेगा कार्यस्थल पर पानी पिलाने का कार्य कर रही थी।  दोपहर बाद सुखदेव सिंह, सेना सिंह व श्रवण सिंह निवासी सुनातों का बाडि़या आए और सुखदेव सिंह ने जातिगत गालियां देते हुए उनकी पानी की मटकियों को लातें मार कर फोड़ दिया। सूचना मिलने आए पुलिस थाने के कांस्टेबल के साथ भी उसने बद्तमिजी की। कांस्टेबल की सूचना पर पुलिस जाप्ता आया और सुखदेव सिंह को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन पुलिस ने आईपीसी की धारा 107 व 151 में मामला दर्ज कर चालान पेश कर दिए। सुखदेव सिंह पाबंद होकर खुला घुम रहा है। महिलाओं ने पुलिस पर मिलीभगति का आरोप लगाते हुए कहा कि जातिगत गालियां देने वाले व सार्वजनिक अपमान करने वाले के खिलाफ पुलिस अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज करने की बजाए पुलिस ने आरोपी को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर चालान पेश किए है। पीडि़त पक्ष ने पुलिस अधीक्षक से मिलकर न्याय दिलवाने की गुहार भी है लेकिन फिलहाल कोई सुनवाई नहीं हुई है।

डेकवाड़ा में मृतक रामलाल के परिवारजनों से चर्चा करते दल के सदस्य
दल के लोगों ने डेकवाड़ा गांव में 3 वर्ष पूर्व हुई राम लाल बलाई की हत्या के मामले में भी जानकारी ली। डेकवाड़ा गांव के लोगों ने उन्हें बताया कि असली आरोपी खुल्ले घूम रहे है जबकि निर्दोषियों को पुलिस ने संदेह के आधार पर पकड़-पकड़ कर खूब पीटा।
डगर के सदस्य भंवर मेघवंशी ने कहा कि राजसमन्द जिले में दलित अत्याचार की घटनाएं बढ़ती जा रही है। दलितों को मारा जा रहा है, उनका अपमान किया जा रहा है, लेकिन पुलिस व प्रशासन मौन है। उन्होंने बताया कि गुणिया गांव के गोवर्धन लाल बलाई की पगड़ी छीकर जलाने का मामला जब डगर की जानकारी में आया तो डगर द्वारा राजसमन्द जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन भेजकर कार्यवाही की मांग की गई थी। लेकिन अभी तक अपराधी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। अपराधी खुल्ले आम घूम रहे है और पीडि़त पक्ष को धमका रहे है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पुलिस प्रशासन इसी प्रकार मौन रहा तो शीघ्र ही राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
दल में सदस्य भंवर मेघवंशी, पूर्व सरपंच कालूराम सालवी, मजदूर किसान शक्ति संगठन के खींमाराम कटारिया, खाखरमाला ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच देवीलाल सालवी, प्रभु लाल, हिरालाल मेघवंशी थे।

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