Monday, November 28, 2016

डेढ़ साल बाद किया मजदूरी का भुगतान

मजदूरी भुगतान की मांग को लेकर मिनी बैंक के बाहर बैठी महिलाएं
गोगुन्दा - 40 मजदूरों में से 29 मजदूरों को डेढ़ साल पूर्व महानरेगा में किए गए कार्य का 19725 रूपए का भुगतान बुधवार को गोगुन्दा मिनी बैंक में किया गया। गोगुन्दा पंचायत समिति क्षेत्र के राणा गांव के 40 श्रमिकों ने महानरेगा के अन्तर्गत जून-2015 में काम किया था। तब काम का भुगतान मजदूरों के मिनी बैंक के खातों में जमा होता था। इस काम का भुगतान पंचायत समिति द्वारा जुलाई 2015 में मजदूरों के मिनी बैंक खाते में जमा करवा दिया गया था मगर मिनी बैंक द्वारा मजदूरों को भुगतान नहीं किया जा रहा था। 

मजदूरी भुगतान की मांग को लेकर मजदूरों ने ग्राम सेवक से लेकर जिला कलक्टर को अपनी समस्या बताई थी लेकिन भुगतान नहीं किया गया। महिलाओं को हर बार आष्वासन दे दिया गया। 

मंगलवार को पीड़ित मजदूरों अपनी मांग को लेकर विकास अधिकारी मनहर विश्नोई को पुनः ज्ञापन दिया था। विकास अधिकारी ने भुगतान करवाने का आश्वासन देकर बुधवार को मजदूरों को मिनी बैंक जाने को कहा था। बुधवार को महिलाएं गोगुन्दा स्थित मिनी बैंक पहुंची, दोपहर 12 बजे तक मिनी बैंक ताला लगा हुआ था। महिलाएं मिनी बैंक के बाहर ही धरने पर बैठ गई और विकास अधिकारी से इसकी शिकायत की। विकास अधिकारी ने मिनी बैंक पहुंच कर मिनी बैंक के मैनेजर को लताड़ लगाई तब जाकर मजदूरों को बकाया मजदूरी का भुगतान किया गया। 

मजदूरी भुगतान की मांग को लेकर मिनी बैंक के बाहर बैठी महिलाएं
मिनी बैंक के कर्मचारियों के विरूद्ध हो कार्यवाही

अरावली निर्माण मजदूर सुरक्षा संघ के अध्यक्ष तखत सिंह राजपूर का कहना है कि जून-15 में मजदूरों ने काम किया। जुलाई-15 में पंचायत समिति द्वारा वेज लिस्ट जारी कर भुगतान राशि के एफटीओ मिनी बैंक को जारी कर दिए गए। भारी दबाव लगाने के बाद मिनी बैंक द्वारा डेढ़ साल बाद भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मिनी बैंक के विरूद्ध जिला कलक्टर से शिकायत की जाएगी।
सामाजिक कार्यकर्ता गुलाबी परमार का कहना है कि ऐसे मामलों में मजदूरों को मजदूरी का भुगतान ब्याज सहित करना चाहिए एवं दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करनी चाहिए। 

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