Monday, December 21, 2015

जवाबदेही यात्रा ने प्रशासन से मांगे जवाब

उदयपुर - ‘‘जवाबदेही यात्रा जवाब मांगे रे, जवाब दो प्रशासन वालों, जवाब देओ रे।’’ । ऐसे गीतों के माध्यम से जवाबदेही यात्रा के लोगों ने जनता की शिकायतों पर प्रशासन से जवाब मांगे। जयपुर से आरम्भ हुई जवाबदेही यात्रा जिले के कोटड़ा, झाड़ोल, गोगुन्दा होते हुए उदयपुर पहुंची। यहां लव कुश इन्डोर स्टेडियम में जनसुनवाई शिविर आयोजित किया गया। लोगों ने यहां अपनी समस्याओं को लेकर शिकायतें दर्ज करवाई। वहीं आदिवासी क्षेत्रों से आए लोगों ने अपनी समस्याएं बताते हुए प्रशासन से मांग की कि वो समस्याओं का समाधान कब करेंगे। 

 सम्बोधित करते डीएसओ व उपस्थित लोग
जिले में शिकायतों का अम्बार, खाद्य सुरक्षा से जुड़ी सर्वाधिक शिकायतें

डिजीटल इंडिया फाउण्डेशन के इरफान खान ने बताया कि जिले से राशन न मिलने को लेकर सर्वाधिक शिकायतें मिली हैं। शिविर में आए लोगों ने बताया कि राशन डीलरों द्वारा समय पर राशन नहीं दिया जा रहा हैं, राशन के लिए आधार कार्ड मांगा जा रहा हैं। बिना आधार कार्ड के राशन नहीं दिया जा रहा हैं व आधान कार्ड बनाने के लिए ई-मित्र केंद्रों पर 250-400 रूपए लिए जा रहे हैं। भवन निर्माण एवं संनिर्माण कर्मकार मण्डल से पंजीकृत श्रमिक धापू बाई मेघवाल ने बताया कि 2012 में उसने अपनी बेटी का विवाह किया और विवाह सहायता के लिए आवेदन किया लेकिन अभी तक विवाह सहायता नहीं मिली हैं। गोगुन्दा तहसील के भारोड़ी गांव की लक्ष्मी बाई के 2012 में पुत्र का जन्म हुआ, उसने प्रसूति सहायता के लिए आवेदन किया लेकिन आजतक प्रसूति सहायता नहीं मिली। खान ने बताया कि यात्रा अब तक 7 जिलों में गई हैं। इस दौरान 2376 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जो सम्बधिंत जिला कलक्टर को सौंपी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि जिले के कोटड़ा, झाड़ोल व गोगुन्दा तथा उदयपुर से 1000 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 600 से अधिक शिकायतें खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़ी हैं तथा शेष शिकायतें पेंषन, आवास, महानरेगा से सम्बधित हैं। 

आधार कार्ड न होगा तो भी मिलेगा राशन

यात्रा के दौरान राशन डीलरों के सम्बंध में भी कई शिकायतें प्राप्त हुई। शिकायतें सुनने के बाद शिविर में आए जिला रसद अधिकारी हिम्मत सिंह भाटी ने कहा कि आधार कार्ड की अनिवार्यता हटा दी जाएगी, साथ ही उन्होंने कहा कि 10-15 दिन में राशन की दूकानों के बाहर लाभार्थियों की सूचियां चस्पा करवा दी जाएगी। उन्होंने कहा सभी बीपीएल, स्टेट बीपीएल, अन्त्योदय परिवारों के साथ पेंशन पाने वाले खाद्य सुरक्षा योजना के पात्र हैं। जो वंचित रह गए हैं वे ग्राम पंचायतों में आवेदन कर इस योजना से जुड़े। उन्होंने कहा कि राशन वितरण में अनियमितताओं की जितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं, उनकी जांच कर दोषी राशन डीलरों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।  

शिकायतें सौंपने कलक्ट्रेट जाते यात्री
वहीं महानरेगा में आवेदन की रसीद न देने, मजदूरी का भुगतान समय पर नहीं करने व मुआवजा न देने सहित अन्य शिकायतों को सुनने के बाद एक्सईएन प्रज्ञा सक्सेना ने कहा कि देरी से भुगतान के मामलों में सुनवाई की व्यवस्था शीघ्र ही की जाएगी। उन्होंने कहा कि महानरेगा से जुड़ी सभी शिकायतों पर सुनवाई ही त्वरित की जाएगी। 

शिविर में यूआईटी सचिव रामनिवास मेहता, जिला रसद अधिकारी हिम्मत सिंह भाटी, एक्सईएन प्रज्ञा सक्सेना (महानरेगा), सूचना एवं रोजगार का अधिकार अभियान के निखिल डे, शंकर सिंह व कमल टांक, आस्था संस्था के भंवर सिंह चंदाणा, आजीविका ब्यूरो के राजीव खण्डेवाल व आभा मिश्रा, प्रतिरोध संस्था के खेमराज चौधरी तथा सामाजिक कार्यकर्ता श्याम पुरोहित, चन्दन सिंह, सरफराज शेख, विकास सिंह, संतोष पूनिया, हरिओम सोनी, लखन सालवी तथा आदिवासी विकास मंच, बजरंग, जरगा, सायरा, रानी लक्ष्मी बाई निर्माण श्रमिक संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे। 

शिविर के बाद प्राप्त हुई सभी शिकायतों को जिला कलक्टर कार्यालय में सौंपी गई। राज्यपाल के दौरे में व्यस्तता के चलते जिला कलक्टर से यात्रियों की मुलाकात नहीं हो पाई। यात्री अमित कुमार ने बताया कि यात्रा का एक दल 23 दिसम्बर को जिला कलक्टर से मिलेगा। 

क्यों नहीं बनाए जा रहे हैं जरूरी कार्ड 

शिविर के बाद लेकसिटी प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कांफ्रेन्स को सम्बोधित करते हुए सूचना एवं रोजगार का अधिकार अभियान के निखिल डे ने कहा कि यह यात्रा बहूत ही महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यह जवाबदेही की मांग कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार कानून की मांग को लेकर भी इसी प्रकार की यात्रा निकाली गई थी। पूरे राज्य के लोगों ने सूचना के अधिकार कानून की मांग की और अंततः सूचना का अधिकार कानून बना और लागू हुआ, जिसका उपयोग आज पूरा देश कर रहा हैं। जवाबदेही कानून की आवश्यकता के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि कई लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए शिकायतें कर रहे हैं लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा हैं इसलिए जवाबदेही यात्रा के माध्यम से जवाबदेही कानून की मांग की जा रही हैं, जिसे आमजन का भरपूर समर्थन मिल रहा हैं। 

प्रेस को सम्बोधित करते हुए यात्रा के संयोजक शंकर सिंह ने कहा कि सरकार भामाशाह कार्ड, स्वास्थ्य कार्ड, आधार कार्ड जैसे कार्ड बनाने पर जोर दे रही हैं जबकि लोगों के पेट के लिए जरूरी जाॅब कार्ड व राशन कार्ड जैसे कार्ड नहीं बनाए जा रहे हैं। कई लोगों को पेंशन नहीं मिल रही हैं। इंदिरा आवास योजना के तहत आवासों के फोटो खिंचने के नाम पर ग्राम सचिव पैसे ले रहे हैं। ई-मित्र वाले मनचाहे रूपए ले रहे हैं। गोगुन्दा में राशन कार्ड के लिए 30 रूपए की जगह 200 रूपए लिए जा रहे हैं। आधार कार्ड के लिए 250-400 रूपए लिए जा रहे हैं। सरकार को आमजन की समस्याओं के समाधान के लिए शिकायतें प्राप्त करने के साथ जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी। 

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