Saturday, July 19, 2014

ग्रामीण युवाओं ने लिया ‘‘हाउस वायरिंग’’ व ‘‘मार्बल फिटिंग’’ का प्रशिक्षण

गोगुन्दा - उपखण्ड क्षेत्र गोगुन्दा के विभिन्न गांवों के 15 युवाओं ने ‘‘हाउस वायरिंग’’ व ‘‘मार्बल फिटिंग’’ का प्रशिक्षण प्राप्त किया है, प्रशिक्षण पूर्व बेरोजगारी का दंष झेल रहे इन प्रशिक्षित युवाओं को अब अपने ही क्षेत्र में रोजगार मिल सकेगा।  
आजीविका ब्यूरो के राजमल कुलमी ने बताया कि आजीविका ब्यूरो व स्टेप एकेडमी उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस आवासीय प्रशिक्षण शिविर में विभिन्न वर्गों के 11 ग्रामीण युवाओं ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि 30 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया, इस दौरान प्रशिक्षकों द्वारा ‘‘हाउस वायरिंग’’ व ‘‘मार्बल फिटिंग’’ के गुर सिखाये गए। 
प्रशिक्षणार्थी रतन लाल मीणा ने बताया कि वह करीब 6 माह से बेरोजगार था। उसने पूर्व में कई कम्पनियों में अलग-अलग कार्य कर चुका था। कार्य विशेष में दक्ष नहीं होने के कारण उसे हर बार अलग-अलग कार्य करने पड़े लेकिन अब उसने ‘‘हाउस वायरिंग’’ का काम सीख लिया है और इसी काम को करने वाला है। साथ ही उसने बताया कि पहले काम के लिए उसे अन्य राज्यों में जाना पड़ता था लेकिन अब अपने ही क्षेत्र में काम कर सकेगा। 
वहीं प्रशिक्षण ले चुके ओबरा खुर्द निवासी 9वीं पास मीठा लाल गमेती (19 वर्ष) ने बताया कि वह पहले मकान निर्माण कार्य में मजूदरी करता था, जिससे 200 प्रतिदिन कमा लेता था लेकिन उसे महीने में 12-15 दिन ही रोजगार मिल पाता था। आजीविका ब्यूरो द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविर में उसने मार्बल फिटिंग करना सीख लिया है, अब वह 350 रुपए से 1000 रुपए तक प्रतिदिन कमा सकेगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम समन्वयक राजमल कुलमी ने बताया कि आजीविका ब्यूरो द्वारा न केवल बेरोजगारों युवाओं को विभिन्न कार्यों के प्रशिक्षण दिए जाते है बल्कि स्टेप एकेडमी के सहयोग से उन्हें जीवन कौशल भी सिखाया जाता है। 
ग्रामीण युवाओं ने लिया ‘‘हाउस वायरिंग’’ व ‘‘मार्बल फिटिंग’’ का प्रशिक्षण 
गोगुन्दा - उपखण्ड क्षेत्र गोगुन्दा के विभिन्न गांवों के 15 युवाओं ने ‘‘हाउस वायरिंग’’ व ‘‘मार्बल फिटिंग’’ का प्रशिक्षण प्राप्त किया है, प्रशिक्षण पूर्व बेरोजगारी का दंष झेल रहे इन प्रशिक्षित युवाओं को अब अपने ही क्षेत्र में रोजगार मिल सकेगा।  
आजीविका ब्यूरो के राजमल कुलमी ने बताया कि आजीविका ब्यूरो व स्टेप एकेडमी उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस आवासीय प्रशिक्षण शिविर में विभिन्न वर्गों के 11 ग्रामीण युवाओं ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि 30 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया, इस दौरान प्रशिक्षकों द्वारा ‘‘हाउस वायरिंग’’ व ‘‘मार्बल फिटिंग’’ के गुर सिखाये गए। 
प्रशिक्षणार्थी रतन लाल मीणा ने बताया कि वह करीब 6 माह से बेरोजगार था। उसने पूर्व में कई कम्पनियों में अलग-अलग कार्य कर चुका था। कार्य विशेष में दक्ष नहीं होने के कारण उसे हर बार अलग-अलग कार्य करने पड़े लेकिन अब उसने ‘‘हाउस वायरिंग’’ का काम सीख लिया है और इसी काम को करने वाला है। साथ ही उसने बताया कि पहले काम के लिए उसे अन्य राज्यों में जाना पड़ता था लेकिन अब अपने ही क्षेत्र में काम कर सकेगा। 
वहीं प्रशिक्षण ले चुके ओबरा खुर्द निवासी 9वीं पास मीठा लाल गमेती (19 वर्ष) ने बताया कि वह पहले मकान निर्माण कार्य में मजूदरी करता था, जिससे 200 प्रतिदिन कमा लेता था लेकिन उसे महीने में 12-15 दिन ही रोजगार मिल पाता था। आजीविका ब्यूरो द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविर में उसने मार्बल फिटिंग करना सीख लिया है, अब वह 350 रुपए से 1000 रुपए तक प्रतिदिन कमा सकेगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम समन्वयक राजमल कुलमी ने बताया कि आजीविका ब्यूरो द्वारा न केवल बेरोजगारों युवाओं को विभिन्न कार्यों के प्रशिक्षण दिए जाते है बल्कि स्टेप एकेडमी के सहयोग से उन्हें जीवन कौशल भी सिखाया जाता है। 

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