Tuesday, October 13, 2015

श्रम कानूनों व श्रमिक हित योजनाओं में बदलाव मंजूर नहीं

29 को देंगे मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन
गोगुन्दा - सरकार द्वारा श्रम कानूनों व भवन निर्माण एवं संनिर्माण कर्मकार मण्डल द्वारा संचालित योजनाओं को बंद करने व उनमें बदलाव करने पर श्रमिक संगठनों खासा रोष व्याप्त हैं। श्रमिक संगठनों का कहना हैं कि सरकार श्रमिक विरोधी नीतियां बना रही हैं, जिसका हम पूरजोर विरोध करेंगे। 
रविवार को गोगुन्दा, सायरा व बरवाड़ा में क्रमशः बजरंग, सायरा व जरगा निर्माण श्रमिक संगठनों द्वारा बैठकें आयोजित की गई। बजरंग निर्माण श्रमिक संगठन की बैठक में अध्यक्ष मोती लाल गमेती ने कहा कि सरकार श्रम कानूनों में श्रमिकों के हितों को नजर अंदाज कर बदलाव कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ठेका श्रम अधिनियम, फैक्ट्री मजदूर अधिनियम में सरकार पहले ही बदलाव कर चुकी हैं। अब मजदूरी भुगतान अधिनियम भी बदलाव किए जा रहे हैं, इस बदलाव के बाद मजदूरी भुगतान के लिए मुख्य नियोक्ता जिम्मेदार नहीं रहेगा। 
बरवाड़ा में आयोजित जरगा निर्माण श्रमिक संगठन की बैठक में श्रमिकों ने भवन निर्माण एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल द्वारा संचालित विवाह सहायता योजना बंद कर देने का विरोध करते हुए कहा कि कई श्रमिकों ने दो वर्ष पूर्व आवेदन किए थे लेकिन उन्हें विवाह सहायता राशि नहीं दी गई। संगठन के अध्यक्ष गेहरी लाल मेघवाल ने बताया कि श्रमिक संगठनों द्वारा राज्य व केंद्र सरकार को इस बाबत ज्ञापन भेजा गया हैं।
वहीं सायरा में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि भवन निर्माण एवं संनिर्माण कर्मकार मण्डल द्वारा संचालित सहायता योजनाओं में सहायता राशि बढ़ाने को लेकर जनप्रतिनिधियों व सरकार से मांग की जाएगी। श्रमिक संगठनों का मानना हैं कि मातृत्व हितलाभ, छात्रवृत्ति सहायता योजना में राशि नाकाफी हैं। 
श्रमिक संगठनों की बैठकों में तय किया गया कि आगामी 29 तारीख को ब्लाॅक मुख्यालय पर रैली निकाली जाएगी व मुख्यमंत्री तथा श्रम मंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
उल्लेखनीय हैं कि हाल ही में केंद्र सरकार ने विवाह सहायता राशि देने पर रोक लगा दी हैं, उसके बाद से राजस्थान में बोर्ड से जुड़े श्रमिकों के पेन्डिग पड़े आवेदन नए आवेदन भी नहीं लिए जा रहे हैं। जिससे श्रमिक संगठनों से जुड़े श्रमिकों में रोष व्याप्त हैं। श्रमिक संगठनों ने चेतावनी दी हैं कि श्रमिकों की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो श्रमिक दिल्ली के लिए कूच करेंगे।


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