Sunday, May 27, 2012

पूरी हुई आसी की आस


लखन सालवी -  देर से ही सही एक महिला को डायन कह कर प्रताडि़त करने के दोषी 10 जनों को न्यायालय ने जेल भेज दिया है। मामले के अनुसार राजस्थान के राजसमन्द जिले के देवगढ़ थाना क्षेत्र के जीवा का खेड़ा की एक महिला को कुछ लोग डायन कह कर प्रताडि़त कर रहे थे। प्रताड़नाओं से परेशान होकर उस महिला ने पुलिस थाने में शिकायत की थी। जनवरी माह में दर्ज करवाई गई रिपोर्ट पर कार्यवाही करने से पुलिस बचती रही। अत्याचारों के खिलाफ आवाजें उठने के बाद जब जिला प्रशासन पर दबाव बढ़ा तो अब जाकर आरोपियसों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आरोपियों को 8 मई को कोर्ट में पेश किया जहां से उन सभी को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।
उल्लेखनीय है कि आसी बाई एक दलित परिवार ही है और उसने खाखरड़ा निवासी आरोपी प्रेमा गुर्जर, मांगु गुर्जर, जयराम गुर्जर, भोजराम गुर्जर, गोपीलाल गुर्जर, देवी लाल गुर्जर, रत्तु गुर्जर, प्रजा गुर्जर, शायरी गुर्जर व मनरूप गुर्जर के खिलाफ 2 जनवरी 2012 को देवगढ़ थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था। असल में आरोपी पीडि़ता की जमीन पर कब्जा कर रहे थे तथा पीडि़ता को डायन कहकर प्रताडि़त कर रहे थे। चूंकि पीडि़त एक दलित परिवार से है तथा आरोपी सवर्ण दबंग जाति के लोग है, इसी के चलते पुलिस कार्यवाही में लिपापोती करती रही।
जिला कलक्ट्रेट के बाहर विरोध प्रदर्शन करते लोग
हाल ही में 19 अप्रेल को दलित आदिवासी एवं घुमन्तु अधिकार अभियान राजस्थान (डगर) के बैनर तले राजसमन्द जिला मुख्यालय पर दलित अत्याचारों के खिलाफ एवं आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया जिसमें दलित समुदायों के हजारों लोगों ने भाग लिया। साथ ही डगर का प्रतिनिधि मण्डल अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से मिला और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस अधीक्षक ने कार्यवाही का आश्वासन दिया था।
आसी देवी को आस (उम्मीद) थी कि पुलिस कार्यवाही करेगी, बहरहाल देर से ही सही पुलिस ने कार्यवाही की और मुकदमा दर्ज करवाने के चार माह बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हालांकि मामला अभी न्यायिक प्रक्रिया से गुजरेगा और इस प्रक्रिया में खूब समय भी लगेगा लेकिन आशी की आस पूरी हुई है और वो खुश है कि आखिर उसे प्रताडि़त करने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।

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