Sunday, May 27, 2012

जलदाय विभाग के कर्मचारियों व ग्राम पंचायत की मिलीभगत


लोगों को पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, हेण्डपंप पानी की कमी को पूरा नहीं कर पा रहे है वहीं लोग टेंकरों से पानी मंगवा कर पी रहे है। गरीबों की दशा तो ओर भी खराब है। एनओसी व नक्सा बनाने के नाम पर ग्राम पंचायत व जलदाय विभाग के कर्मचारी हजारों रुपए ऐंठ रहे है। सैंकड़ो बार चक्कर लगाने पर कहीं जाकर नल कनेक्शन हो पा रहे है।  नल कनेक्शन हो जाने के बाद भी नलों में आवश्यकतानुसार पानी की  सप्लाई नहीं हो पा रही है। दूसरी और एक सज्जन ने जलदाय विभाग से नल कनेक्शन लेकर अपने खेत पर नल लगाया है, वो अपने खेत में नल से पिलाई करना चाहता है।

भीलवाड़ा जिले के कोशीथल गांव में जलदाय विभाग के कर्मचारी से मिलीभगत कर घर की बजाए खेत पर नल कनेक्शन करने का मामला सामने आया है। छोगा लाल तेली ने राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय के पीछे स्थित अपने खेत में नल कनेक्शन करवाया है। जानकारी के अनुसार छोगा लाल तेली के घर पर पहले से ही नल कनेक्शन के होने के बावजूद उसने नए नल कनेक्शन के लिए आवेदन किया। मजे की बात को यह है कि ग्राम पंचायत द्वारा भी बिना तहकीकात किए एनओसी पर हस्ताक्षर कर दिए।
वैसे ग्राम पंचायत भी 200-250 रुपए लेकर एनओसी जारी कर देती है, फिर एनओसी चाहने वाला बीपीएल हो या एपीएल। एनओसी मिलने के बाद जलदाय विभाग द्वारा छोगालाल को नल कनेक्शन स्वीकृत हो गया। छोगालाल ने उक्त कनेक्शन अपने घर पर न करवाकर जलदाय विभाग के स्थानीय कर्मचारियों से मिलीभगत कर खेत पर लगावा दिया। ग्रामीणों द्वारा मामले की शिकायत सरंपच से करने बाद सरपंच शंकरलाल देरासरिया ने भी छोगा लाल तेली के खिलाफ जलदाय विभाग को लिखित में शिकायत भेजी है वहीं ग्रामीणों ने भी शिकायत भेजकर विभाग के कर्मचारियों व छोगालाल के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

ग्राम पंचायत भी कर रही है एनओसी देने में मनमानी

कोशीथल ग्राम पंचायत द्वारा नल कनेक्शन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने के बदले 250 रुपए की राशि वसूली जा रही है। सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत ली गई सूचनाओं से यह खुलासा हुआ है। कोशीथल के नारायण लाल तेली ने 21 सितम्बर 2011 को सूचना के अधिकार के तहत आवेदन करते हुए ग्राम पंचायत से जारी किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्रों के संबंध में सूचनाएं मांगी। ग्राम पंचायत से मिली सूचना के अनुसार ग्राम पंचायत द्वारा हर वर्ग के व्यक्तियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने की एवज में 250 रुपए की राशि वसूली गई है।
उल्लेखनीय है नल कनेक्शन करवाने के लिए ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होता है। अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना जलदाय विभाग द्वारा आवेदक को नल कनेक्शन नहीं दिया जा सकता है। नियमानुसार ग्राम पंचायत 20 रुपए की शुल्क अदायगी पर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर सकती है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ग्राम सचिव अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए 250 रुपए की वसूली करता है। यह राशि नहीं देने पर अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया जाता है। जबकि जलदाय विभाग द्वारा 301 रुपए की फीस पर नल कनेक्शन मुहैया करवाया जाता है।
आवेदक किसी भी वर्ग का हो प्रत्येक से 250 रुपए वसूले जा रहे है। जनवरी 2007 से अगस्त 2011 तक अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के बदले ग्राम पंचायत ने कोशीथल के 46 लोगों से 11500 रुपए वसूल किए है। इनमें से 16 लोग अनुसूचित जाति के है तथा 7 बीपीएल परिवार के है। 7 बीपीएल में से भी 3 बीपीएल परिवार दलित है। बीपीएल परिवार के देवीलाल रेगर, जयचंद रेगर, कस्तुर सालवी, हजारी रेगर, भंवर माली सहित कईयों से 250 रुपए लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया।
नारायण तेली ने सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना में यह भी जानना चाहा कि अनापत्ति प्रमाण पत्र के बदले 250 रुपए की राशि किस नियम व कानून के तहत वसूली गई ? जवाब में ग्राम सचिव ने ग्राम पंचायत के अपने अधिकार क्षेत्र के तहत यह राशि वसूलना बताया है।
गरीब व्यक्ति जैसे तैसे कर 250 रुपए ग्राम पंचायत में जमा करवाकर अनापत्ति प्रमाण पत्र ले लेता है। नल कनेक्शन के लिए जलदाय विभाग के अधिकारी फाइल के साथ नक्से की मांग करते है, नक्सा विभाग का स्थानीय कर्मचारी द्वारा बनाया जाता है। कोशीथल में कार्यरत कर्मचारी नक्सा बनाने की एवज में आवेदक से 800-900 रुपए वसूल रहे है।
भंवर माली, जगदीश माली, नारायण लाल तेली, महावीर टेलर, हेमराज सोनी दर्जनों लोगों ने जलदाय विभाग के कर्मचारियों को रुपए देकर कनेक्शन  करवाए है। जिन-जिन ने भी इस सिस्टम का विरोध किया वो कनेक्शन के लिए तरस रहे है।एक मात्र शख़्स है हिरालाल जीनगर जिसने नल कनेक्शन के लिए ग्राम पंचायत में एनओसी के बदले 250 रुपए नहीं दिए, जलदाय विभाग के कर्मचारियों को बिना पैसे खिलाए नल कनेक्शन करवाने में सफल रहा। हांलाकि उसे खूब चक्कर कटवाए गए लेकिन उसने हार नही मानी। जलदाय विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ तो उसने जयपुर स्थित जलदाय विभाग की हेल्पलाइन पर शिकायतें दर्ज करवाई, तब कहीं जाकर कनेक्शन हो पाया। विकलांग असमल मोहम्मद छीपा नल कनेक्शन के लिए 4 माह तक जलदाय विभाग के दफ्तर के चक्कर लगाने पड़े।
एनओजी जारी करने के बदले 250 रुपए लेने के मामले में ग्राम सचिव सम्पत लाल बोहरा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि - "एनओसी जारी करने के लिए पूर्व में बतौर विकास शुल्क 250 रुपए, एनओसी चाहने वाले प्रत्येक से लिए गए थे लेकिन पिछले दो माह से बीपीएल गरीब परिवारों से यह शुल्क नहीं लिया जा रहा है।

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