Wednesday, May 11, 2016

कोशीथल में एक हुआ समाज, बाबा रामेदव की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न

  • लखन सालवी


सालवी समाज के एकता की बात की जा रही हो और कोशीथल के झगड़े का जिक्र ना हो, पिछले 15 सालों में तो ऐसा कभी नहीं हुआ। पर अब जब कभी भी एकता की बात होगी तो कोशीथल की एकता का जिक्र भी अवश्य किया जाएगा। 15 साल पुराने झगड़े को समाप्त कर बाबा रामदेव मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के अवसर कोशीथल के सालवी समाज के युवाओं, बुजुर्गों व महिलाओं ने सामाजिक एकता की मिशाल पेश की है।

उल्लेखनीय है कि कोशीथल में एक मुद्दे को लेकर सालवी समाज के परिवारों में आपसी फूट पड़ गई थी। वो फूट धीरे-धीरे रंजिश में तब्दील हो गई। परिवार ही नहीं वरन रिश्तेदारियां टूट गई। कोशीथल की फूट ने चौखले व परचैखले पर भी असर डाला। चौखले व परचौखले में भी फूट व्याप्त हो गई। तारतार जोड़कर कपड़े बनाना वाला समाज खुद तार-तार हो गया। 15 साल बाद कोशीथल में समाज पुनः एकजुट हुआ हैऔर घोर कलयुग में इस एकता के पीछे सायर सुत बाबा रामदेव प्रेरणा स्त्रोत बने हैं। 

विदित रहे कि 30 साल पूर्व गांव में बाबा रामदेव का मंदिर बनाया गया था। मंदिर में मूर्ति स्थापित करने को लेकर लम्बे समय तक विचार विमर्श चलता रहा। उसी दरमियां विभिन्न मुद्दों पर मतभेदों के चलते समाज के परिवार टूटते चले गए। वर्ष 2003 में एक ऐसे मुद्दे ने जन्म लिया, जिसने समाज को छिन्न-भिन्न कर दिया। समाज के तीन गुट हो गए। दो गुटों में ऐसी खिंचताने हुई कि भाई-भाई एक दूसरे के घौर विरोधी हो गए। एक ही मां के दो पुत्रों ने मां के देहावसान होने के बाद अलग-अलग शोक मनाया। यह संबंध विच्छेद की पराकाष्ठा थी। 

इन गुटों के कारण समाज में व्याप्त हुई दूरियां अब मिट चुकी है, यह कहना तो मुश्किल है लेकिन हां इतना जरूर कहा जा सकता है कि दूरियों को समाप्त करने की शुरूआत हो चुकी है। समाजनों में एक आयु वर्ग के धड़े ने बाबा रामदेव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा संयुक्त रूप से कर लेने की पहल का आगाज किया। एक से दो परिवार जुड़े, दो से तीन परिवार जुड़े और ऐसा करते-करते 35 परिवार जुड़ गए। मंदिर में बाबा रामदेव, डाली बाई व हरजी भाटी की मूर्ति तथा रामदेव की का पगलिया स्थापित करने पर सहमति बनी। सभी परिवारों ने मिलकर कुछ राशि एकत्र की। गड़ात परिवार के गोवर्धन जी ने आगेवानी की। बड़े पिता मोहन लाल जी ने गुओं के बीच संयोजन किया। मेरे पिता प्यारचन्द जी के नेतृत्व में एक दल मूर्तियां देखने गया और मूर्तियां चिन्हित कर ली। मूर्तिकार को मूर्तियों के निर्माण की राशि का भुगतान कर दिया गया। अब अन्य खर्चों के लिए उगाही की जाने की सहमति बनी। जैसे ही उगाही आरम्भ की, समाज के कुछ जन आड़े-तिरछे चलने लगे। आड़े-तिरछे चलने वालों को ट्रेक पर लाने में 11 माह लगे। अंततः कुछ आगेवानों की मेहनत रंगलाई और सभी परिवार एकता के सूत्र में बंधे। परिवार वार राशि एकत्र की गई। कार्यक्रम को सफल बनाने में बालूराम जी कटारिया, प्यारचन्द जी कटारिया, घीसू लाल जी जामेरा, भैरू लाल जी काला, कस्तुर चन्द जी जलवाणिया, गोमाराम जी भागड़ा, मुकेश जी भागड़ा, शंकर जी भागड़ा, लादू लाल जी भागड़ा, बालूराम जी मूमतिया, भैरू लाल जी गड़ात, भैरू लाल जी जामेरा, शिव जी गड़ात के परिवार के सभी युवा सदस्य व बंशी लाल जी भागड़ा का विशेष योगदान रहा।
07 व 08 मई 2016 का कार्यक्रम सुनिश्चित किया गया। पत्रिका छपवाई गई, घीसू जी जामेरा के घर पर विनायक स्थापना हुई। वहां 5 दिन तक भजन किर्तन किए गए, महिलाओं ने मंगलाचरण गाये। कार्यक्रम में चौकी परचौकी के गांवों के समाजजनों को निमंत्रण दिए गए। 07 मई 2016 को दोपहर में 11 हवन वेदियों 40 जोड़ों ने आहूतियां दी। राजसमन्द जिले के शक्करगढ़ गांव निवासी श्री मूलाराम आचार्य, भादाराम जी व प्रकाश शास्त्री जी ने मंत्रोच्चारण के साथ आहूतियां दिलवाकर यज्ञ सम्पूर्ण करवाया। इसके बाद बैंड बाजे के साथ 101 कलशों सहित कलश यात्रा निकाली गई। उसी रात सत्संग आयोजित की गई। समाज के संतप्रवृति
के कई लोगों ने भजन प्रस्तुत किए। सत्संग में लेखक व सामाजिक कार्यकर्ता भंवरजी मेघवंशी (बलाई), रामदेव सेना के प्रदेश अध्यक्ष व श्री महावीर गौशाला करजालिया के संचालक श्री  देबी लाल जी मेघवंशी, दलित आदिवासी एवं घुमन्तु अधिकार अभियान राजस्थान के डाल चन्द जी मुण्डेतिया व डगर के आसीन्द तहसील संयोजक लादू लाल जी मेघवंशी ने भी शिरकत की।  उल्लेखनीय हैं कि श्री भंवर जी मेघवंशी ने बाबा रामदेव से जुड़े तथ्यों पर शोध किया था। इन्होंने बाबा रामदेव पीर: एक पुनर्विचार नामक पुस्तक का लेखन, सम्पादन व प्रकाशन किया था। इस पुस्तक में बाबा रामदेव जी से जुड़ी सत्यतताओं को तथ्यात्मक रूप से लिपिबद्ध किया गया हैं। उसके बाद श्री मेघवंशी ने हाल ही में एक पुस्तक ‘‘मेघवंशी बाबा रामदेव’’ का लेखन, सम्पादन व प्रकाशन किया है, जो इन दिनों काफी प्रसिद्ध हो रही है। 

सत्संग के बीच श्री मेघवंशी ने पाण्डाल में मौजूद समाजजनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कपड़े बुनने वाला यह समाज रिखियों का समाज है और इस समाज के लोग हमेशा आगे रहे है इसीलिए कहा जाता है कि - रिखियां जुगां-जुंगा अगवाण हुया। उन्होंने संविधान निर्माता डॅा. भीमराव अम्बेडकर के बारे में बात करते हुए कहा कि - उनके बिना दलितों को सम्मान मिलना असंभव था। अम्बेडकर ने अपने जीवन में दलित वर्ग के उत्थान के लिए खूब संघर्ष किए। उन्होंने युवाओं से आव्हान् करते हुए कहा कि समाज के युवाओं को संगठित होकर आगे आना चाहिए। समाज के आंतरिक कलेह को समाप्त कर आज एकजुट होकर सुन्दर कार्यक्रम आयोजित किया है, इसके लिए गांव के युवा साथी बधाई के पात्र है।

08 मई 2016 रविवार सुबह 4 बजे हवन किया गया। उसके बाद शुभ मुहुर्त पर मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के साथ-साथ ध्वजादण्ड व मंदिर मुकुट चढ़ाए गए। 

प्रगतिशील विचारधारा के श्री भंवर जी मेघवंशी ने समाज की एकता की सराहना करते हुए समाज के युवाओं से संगठित होकर आगे आने की बात कही। उम्मीद है बाबा रामदेव मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के अवसर पर हुई एकता अनन्त तक रहेगी . . . . जय बाबा री।



भंवर जी के बारे में :

भंवर जी मेघवंशी के व्यक्तित्व के बारे में तो आप सभी समाजजन वाकिफ होंगे, मैं थोड़ा और जोड़ दूं कि श्री मेघवंशी माण्डल तहसील के सीरडियास गांव के श्री नारायण लाल जी के कनिष्ठ पुत्र है और दलित आदिवासी एवं घुमन्तु अधिकार अभियान राजस्थान के संरक्षक है। इन्होंने दलित, आदिवासी एवं घुमन्तु समुदायों के सैकड़ों पीड़ित लोगों को न्याय दिलवाया है और दलितों, दमितों व वंचितों की आवाज बनने में अग्रणी रहते हैं। इन्होंने इन समुदायों के हजारों हजार युवाओं को संगठित कर इस अभियान से जोड़ा हैं। इन समुदायों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर इनकी समझ का कोई सानी नहीं हैं। विभिन्न विषयों को लेकर बड़े-बड़े राजनीतिज्ञ, राजनेता, ब्यूरोक्रेटस, सामाजिक कार्यकर्ता, संतजन इनके विस्तृत ज्ञान, इनकी कुशाग्र बुद्धि व इनकी वाकप्रबुद्धता के कायल है।

1 comment:

  1. इसी तरह अगर पुरे प्रदेश तथा देश में मेघवाल समाज एक हो जाये तो जो लोग राजनितिक फायदे के हम लोगो अपने साथ साथ रखते वे हमारी असली ताकत देख पाएंगे ओर फिर किसी काम के लिए इन नेताओ के पीछे पिछे नहीं घूमना पड़ेगा ये लोग हमारे पीछे घूमेंगे और पूछेंगे कि आप लोगो की समस्याए है हमें बताये

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