Sunday, June 29, 2014

श्रमिक सम्मेलन व जनसुनवाई सम्पन्न

गोगुन्दा (उदयपुर)- गोगुन्दा में श्रमिक सम्मेलन व जनसुनवाई कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। आजीविका ब्यूरो, श्रमिक सहायता एवं संदर्भ केंद्र, बजरंग, जरगा, सायरा व लक्ष्मीबाई निर्माण श्रमिक संगठन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में उपखण्ड क्षेत्र के करीब 3000 महिला-पुरूष श्रमिकों ने भाग लिया।
दोपहर 12 बजे शुरू हुए जनसुनवाई कार्यक्रम में विधायक प्रताप गमेती, श्रम आयुक्त दीपक उप्रेति, जिला पुलिस उपाधिक्षक (गिर्वा) दिव्या मित्तल, उपखण्ड अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल, थानाप्रभारी हनुवंत सिंह आाजीविका ब्यूरो के सचिव कृष्णावतार शर्मा, अरावली निर्माण सुरक्षा संघ के , लीड सेल के नाना लाल मीणा एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में आए श्रमिकों ने अपनी समस्याओं से पैनल में मौजूद जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को अवगत कराया। इस दौरान प्रवासी श्रमिकों के साथ कार्यस्थल पर होने वाले अत्याचार, काम का भुगतान नहीं होने, काम के निर्धारित समय से अधिक कार्य करवाकर शोषण करने सम्बंधित कई मामले सामने आए। वहीं महानरेगा श्रमिकों ने समय पर भुगतान नहीं होने के मामलों से प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया।
जनसुनवाई में सामने आया कि क्षेत्र से अन्य राज्यों में मजदूरी पर जाने वाले श्रमिकों के साथ कार्यस्थल पर दुर्घटना हो जाने पर नियोक्ताओं द्वारा उनको मुआवजा देना तो दूर, ईलाज भी नहीं करवाया जाता है। जनसुनवाई से निकलकर आया कि नियोक्ता अथवा ठेकेदार क्षेत्र के नाबालिगों को भी मजदूरी के लिए ले जाते हैै, कई ऐसे नौजवान है जिनके साथ कार्यस्थल पर दुघर्टनाएं हुई, जिनमें उन्हें हाथ-पैर गंवाने पड़े और वे अब कभी काम नहीं कर पायेंगे।
केस – 1
अब कभी काम नहीं कर सकेगा भूरी लाल… 
भट्टी में झुलसकर निःषक्त हुआ भूरी लाल
भट्टी में झुलसकर निःषक्त हुआ भूरी लाल
गोगुन्दा उपखण्ड के नान्देषमा गांव के 18 वर्षीय भूरी लाल ने मजदूरी के लिए प्रवास के दौरान अपने साथ घटी दुर्घटना की दास्तां बयां की तो सुनने वाले हरेक की आंखे छलछला आई। भूरी लाल को उसके ही गांव का भैरू लाल लौहार गुजरात के वापी स्थित अपनी नमकीन बनाने की फैक्ट्री में नमकीन पैकिंग कार्य के लिए ले गया। भूरी लाल ने वहां 6-7 महीने तक कार्य किया, वह भैरू लाल लौहार से मेहनताना मांगता तो लौहार मेहनताने की राशि उसके पिता को दे देने की बात कह देता। उसने बताया कि एक दिन वह फैैक्ट्री में काम कर रहा था, आग की भट्टी से गर्म तेल की कड़ाई उतारते समय फिसल जाने से गर्म तेल उसके शरीर पर गिर गया, गर्म तेल से बचने के लिए पीछे हटा तो आग की भट्टी में जा गिरा जिससे उसके हाथ, पैर, सिर व सीना बूरी तरह से जल गया। उस दिन भैरू लाल लौहार भी गांव आया हुआ था तब अन्य साथियों ने उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया। दूसरे दिन भैरू लाल लौहार वहां पहुंच गया। करीब एक माह तक सरकारी अस्पताल में भूरी लाल का ईलाज चला, वह पूरा ठीक भी नहीं हुआ था कि भैरू लाल ने उसे बस में बैठाकर गांव भेज दिया।
भूरी लाल ने बताया कि भैरू लाल लौहार ने मुआवजा देना तो दूर, न तो उसके मेहनताने का भुगतान किया और न ही ईलाज का खर्च उठाया। भूरी लाल के 3 भाई व 3 छोटी बहिनें है, पिताजी बकरियां चराते है और केवल 2 बीघा जमीन ही है जिसमें से केवल एक फसल हो पाती है। स्थिति यह है कि गर्म तेल व आग से बूरी तरह से झुलस जाने के कारण भूरी लाल के बाए हाथ की दो, दाएं हाथ की एक अंगुली व दाएं पैर का अंगुठा काट दिया गया। उसके हाथ की चमड़ी झुलस जाने के कारण हथेलिया मूड़ गई, जिनसे अब वह कुछ भी काम नहीं कर सकता। भूरी लाल विकलांग हो चुका है, उसने विकलांग पेंशन के लिए दो बार आवेदन किया लेकिन अभी तक पेंषन जारी नहीं हुई है।
नाबालिग मजदूर धूलाराम अपने पिता के साथ
नाबालिग मजदूर धूलाराम अपने पिता के साथ
केस-2
धूलाराम ने भी गवां दिया हाथ…
गोगुन्दा उपखण्ड की ऊखलियात ग्राम पंचायत के रणेजी गांव के विजारपरवा गांव के 13 वर्षीय धूलाराम पिता वालाराम गरासिया को करीब 4 वर्ष पूर्व जसवंतगढ़ का रोशन लाल (ठेकेदार) होटल में रसोई कार्य के लिए लेकर गया। वहां करंट लगने से वह बूरी तरह घायल हो गया, जिससे उसके दोनों पैरों के घूटने, सीना व बायां हाथ बूरी तरह से झुलस गया। बाद में ईलाज के दौरान उसका हाथ काट दिया गया।
धूलाराम के पिता वालाराम ने बताया कि रोशन लाल ने न तो मुआवजा दिया, न ही ईलाज का खर्च उठाया और मेहनताने का भुगतान भी नहीं किया।
ऐसे भी कई मामले सामने आए जिनमें प्रवास पर गए श्रमिकों को नियोक्ता व ठेकेदार द्वारा भुगतान नहीं किया। श्रमिकों को गुजरात ले जाकर डरा-धमका कर काम करवाया गया, बाद में श्रमिक किसी प्रकार भाग कर वापस गांव आए। वहीं गलतो का गुढ़ा निवासी सुमेर सिंह, पालीदाणा गांव के देवेन्द्र पालीवाल सहित कई स्थानीय ठेकेदारों द्वारा श्रमिकों को गुजरात राज्य के विभिन्न स्थानों पर ले जाकर काम करवाकर काम का भुगतान नहीं करने की षिकायतें आई।
पूर्व प्रवासी मजदूर रूप लाल अपनी प्रवास की कहानी बताते हुए
पूर्व प्रवासी मजदूर रूप लाल अपनी प्रवास की कहानी बताते हुए
46 मजदूरों के एक लाख रूपए अटके है ठेकेदार के पास
दादिया ग्राम पंचायत के ईटों का खेत गांव के रूप लाल गरासिया ने बताया कि ठेकेदार सुमेर सिंह उसके सहित क्षेत्र के 46 युवाओं को 2009-10 में काम के लिए राजकोट ले गया। उसने राजकोट की अलग-अलग होटलों में इन मजदूरों को काम पर लगाया और होटल मालिकों से रूपए ले लिए। मजदूर कभी रूपए मांगते तो सुमेर सिंह उनके साथ मारपीट करता। सभी युवा मजदूर बाद में एक-एक कर वहां से भाग आए। श्रमिक सहायता एवं संदर्भ केंद्र ने मजदूरों एवं ठेकेदार सुमेर सिंह के बीच सुलह करवाकर करीब 60000 रुपए का भुगतान तो करवा दिया लेकिन अभी तक करीब एक लाख का भुगतान अटका हुआ है।
भुगतान से सम्बंधीत करीब 13 मामले सामने आए जिनमें प्रवासी मजदूरों को नियोक्ता व ठेकेदारों ने काम करवाने के बाद काम का भुगतान नहीं किया।
किसने क्या कहा
ssjआजीविका ब्यूरो के सचिव कृष्णावतार शर्मा ने जनसुनवाई कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पैनल में बैठे प्रशासनिक अधिकारियों से आग्रह किया कि वे मजदूरों के मामलों को संवेदनशीलता से लेकर उनका निपटारा करवाने की पहल करें। उन्होंने कहा कि श्रमिकों का जीवन मजदूरी पर निर्भर है, अगर उन्हें मजदूरी का भुगतान नहीं मिलेगा तो परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आते रहते है जिनमें ठेकेदारों या नियोक्ता द्वारा मजदूरों का भुगतान नहीं किया जाता है, प्रशासन ऐसे विवादों का निपटारा करने के लिए कोई व्यवस्था स्थापित करें। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से आग्रह किया कि कई मामलों में ठेकेदार व श्रमिक स्थानीय होते है, ऐसे मामलों में दोनों पक्षों को थाने में बुलाकर मामले का निस्तारण करवावें।
श्रम आयुक्त दीपक उप्रेति ने बताया कि मजदूर कहां, किसके यहां, किस दर पर और कितने दिन तक काम कर रहे है, उसके सबूत अवश्य रखें। जिस राज्य में मजदूरी करते है, वहां अपने अधिकारों का हनन होने की स्थिति में उसी राज्य के श्रम विभाग में शिकायत करें। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद श्रमिकों से आव्हान् किया कि वे नियोक्ताओं व ठेकेदारों के आश्वासनों पर विश्वास न कर मजदूरी के लिए लिखित अनुबंध करें।
पुलिस उपाधिक्षक (गिर्वा) दिव्या मित्तल ने बताया कि जो लोग मजदूरी के लिए अन्य राज्यों में जाते है लेकिन कई समय तक उनकी खैर खबर नहीं आती है, ऐसे लोगों की गुमसुदगी की रिपोर्ट थाने में अवश्य दर्ज करवावें। उन्होंने कहा कि जिन मजदूरों का भुगतान नहीं किया जाता है वे मजदूर थाने में रिपोर्ट दर्ज करावें। उन्होंने आश्वासन दिया कि रिपोर्ट दर्ज करवाने पर अवश्य कार्यवाही की जाएगी।
रावलिया खुर्द के मजदूरों द्वारा महानरेगा भुगतान नहीं होने की शिकायत करने पर उपखंड अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि पोस्ट आॅफिस से भुगतान में देरी हो रही है, पोस्ट मास्टर से बात कर ली गई है, सोमवार से भुगतान शुरू कर दिया जाएगा।
विधायक प्रताप गमेती ने कहा कि साईकिल वितरण, चैक वितरण की ओर अधिक ध्यान रखने की बजाए मजदूरों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जब मैं सरपंच था तब भी बच्चों को काम पर ले जाने वाले ठेकेदारों की खिलाफत की और अब भी करता हूं लेकिन परिजनों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भेजे ना कि काम पर दूसरे राज्यों में। उन्होंने कहा कि वे मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है एवं उनके हितों की पैरवी विधानसभा में करेंगे।
प्रवासी रसोई कार्य श्रमिकों ने दिया उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन
कार्यक्रम के दौरान प्रवासी रसोई श्रमिकों ने अपनी समस्याएं बताते हुए उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में मांग की गई कि ठेकेदारों को न्यूनतम मजदूरी दर से कम भुगतान नहीं करने, ओवरटाइम कार्य का भुगतान करने एवं श्रमिकों द्वारा किए गए कार्य का भुगतान समय पर करने हेतु पाबंद किया जाए।
उठी सार्वजनिक शौचालय बनवाने की मांग
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न श्रमिक संगठनों से जुड़ी महिला श्रमिकों ने प्रशासन पर नाराजगी व्यक्त करते हुए विधायक प्रताप लाल गमेती को बताया कि उपखण्ड मुख्यालय होने के बावजूद गोगुन्दा में सार्वजनिक शौचालय नहीं है। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक शौचालय निर्माण की मांग को लेकर पूर्व में प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन दिए गए लेकिन शौचालय निर्माण नहीं करवाया गया।
जानकारी के अनुसार उपखण्ड मुख्यालय होने के कारण उपखण्ड क्षेत्र के विभिन्न गांवों से हजारों की संख्या में महिला-पुरूष गोगुन्दा आते है। कई बार आने-जाने के लिए बसस्टेण्ड पर घंटों खड़े रहना पड़ता है। सार्वजनिक शौचालय नहीं होने से यात्रियों सहित आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जनसुनवाई में श्रमिक संगठनों की ओर से सार्वजनिक शौचालय की मांग को लेकर विधायक प्रताप लाल गमेती को ज्ञापन सौंपा गया। वहीं विधायक ने सार्वजनिक शौचालय बनवाने का आश्वासन दिया।
कम पड़े पाण्डाल
कार्यक्रम में महिलाओं की भागीदारी अधिक रही। 2500 श्रमिकों के भाग लेने की संभावना के चलते 2500 लोगों के लिए ही बैठने की व्यवस्था की गई थी लेकिन अपेक्षा से अधिक लोगों के आ जाने से पाण्डाल छोटे पड़ गए। बाद में तुरता फुरती में दरियां मंगवा कर पेड़ के नीचे बैठने की व्यवस्था की गई।

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