लखन सालवी
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,देखना है जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है...
Friday, January 6, 2012
सावधान . . . जुल्म सहने की ताकत नही बची है मुझमें
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment