गोगुन्दा (उदयपुर) - पाटिया ग्राम पंचायत के राजस्व गांव भारोड़ी की मेघवाल बस्ती के बाशिन्दों को रास्ता नसीब नही है। भारोड़ी गांव व मेघवाल बस्ती के बीच में बड़ा नाला है। वर्षा के मौसम में कई महीनों तक इस नाले में पानी का तेज बहाव रहता है। बहाव के कारण बच्चे कई दिनों तक स्कूल नहीं जा पाते है। वहीं किसी के बीमार होने की स्थिति में उसे अस्पताल ले जाना मुश्किल हो जाता है। कई बार प्रस्ताव लिखवाए, सरकार आपके द्वार, प्रशासन आपके द्वार जैसे अभियान में इस मुद्दे को उठाया लेकिन अभी तक पुलिया का निर्माण नहीं करवाया गया है।
बुधवार शाम बस्ती के धर्मा लाल मेघवाल (उम्र-33) को तेज बुखार आ गया। उसी समय तेज बारिश भी आ गई। नाले में पानी भी अधिक आ गया। धन्ना लाल को तुरन्त अस्पताल ले जाना था लेकिन बस्ती के लोग बारिश व नाले में बह रहे पानी के आगे बेबस थे। अंत में सबने हिम्मत की और मरीज को चारपाई पर लिटाकर नाला पार करवाकर सड़क तक ले गए। वहां से मरीज को जीप द्वारा गोगुन्दा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।
60 वर्ष के बुर्जुग प्रताप लाल मेघवाल अपनी बात शुरू करने से पहले ही रो पड़े। बताते है कि उन्होंने अपनी बस्ती में ऐसे हालात सैकड़ों बार देखें है। कभी बच्चों ने आंखों के सामने दम तोड़ा, कभी गर्भवती महिलाएं रात-रात भर तड़फती रही। हर बार बेबसी पसरी रही। वे कहते है कि हम गरीब है और दलित भी। सरकार ने पर्यटन स्थलों, धार्मिक स्थानों यहां तक की एक मंदिर पर जाने के लिए करोड़ों रूपए की सड़क बना दी लेकिन हम 250 से अधिक की आबादी वाली इस बस्ती में जाने के लिए पुलिया नहीं बना सकी।
गांव के एक युवा तुलसीराम मेघवाल ने बताया कि इनकी बस्ती मुख्य रोड़ से महज 500 मीटर दूर है। बस्ती में जाने के लिए रास्ता तो है लेकिन एक बड़ा नाला मुसीबत बना हुआ है। बारिश का मौसम आते ही इस बस्ती के बाशिन्दों पर परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ता है। बस्ती व रोड़ के बीच में इस बड़े नाले पर एक पुलिया की जरूरत है। बस्ती के लोग बरसों से पुलिया की मांग कर रहे है लेकिन अभी तक इनकी मांग पूरी नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि बारिश के मौसम में बच्चे कई महीनों तक स्कूल नहीं जा पाते है।
दलित आदिवासी एवं घुमन्तु अधिकार अभियान राजस्थान (डगर) के लखन सालवी ने कहा कि दलित बस्ती की उपेक्षा की जा रही है। नाले के दोनों ओर किनारे पर प्रभावशाली लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है, प्रशासन अतिक्रमण नहीं हटवा पा रहा है। इस कारण पुलिया का निर्माण भी नहीं करवाया जा रहा है। 250 की जनसंख्या वाली बस्ती में बारिश के दिनों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व एएनएम नहीं पहुंच पाती। लोगों को राशन की दूकान तक जाने में समस्या आती है। सरकार आपके द्वार अभियान के दौरान इस समस्या को गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया के ध्यान में लाया गया जब वे पंचायतीराज व ग्रामीण विकास विभाग में मंत्री थे लेकिन वे भी दलितों की इस समस्या का समाधान नहीं करवा पाए। यह सरकार की नाकामी है।
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